Moral Stories in Hindi – the story in hindi -2023

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Short Stories in Hindi with Moral for Kids

Hindi short stories with moral for Kids 2023: जब कभी भी कहानियों का जिक्र होता है तब बच्चो का भी जिक्र जरुर से किया जाता है, ऐसा इसलिए क्यूंकि कहानियाँ मुख्य रूप से बच्चों को ही सबसे ज्यादा पसदं होती है। ये कहानियां ही वो माध्यम हैं जिससे यक़ीनन उन्हें नयी प्रेरणा मिलती है और साथ ही जीवन को सही तरीके से जीने का सिख मिलती है।

जिससे की वो भविष्य में एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है। सच में ये छोटे बड़े Moral Stories in Hindi काफी ज्यादा प्रेरणादायक होते हैं सभी बच्चों के लिए। वहीँ इनमें हमेशा कुछ सीख जरुर से मिलती है अंत में। इसलिए हिंदी कहानियाँ सभी को हमेशा से पसंद आती है फिर चाहे वो छोटे हो या बड़े।

इन बच्चों की कहानियों में भी आपको काफी भिन्नता देखने को मिलेंगी। मेरे कहने का मतलब है की इन कहानियों के लेखक बहुत से अलग अलग प्रकार के कहानियां बच्चों के लिए लिखते हैं। जैसे की राजा रानी की कहानी, जानवरों की कहानी, भूतों की कहानी, पक्ष्यों की कहानी और ऐसे बहुत कुछ।

अक्सर आपने अपने बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए जरुर सुना होगा की उनके समय में उन्हें ये कहानियां (Short Moral Stories in Hindi) उनके दादी, नानी या परिवार के बड़े बुजुर्ग ही सोते समय सुनाया करते थे। लेकिन समय के साथ साथ सब कुछ बदलने लगा है।

अब बच्चों को आप गाँव जाते हुए काफी कम ही देखते होंगे और वो ज्यादा समय अपने Mobile या computer में ही व्यतीत करते हैं, ऐसे में उन्हें कहानी सुनने के मज़ा नहीं मिल पाता है जो की पहले के लोगों ने अनुभव किया होगा। हमें दुःख है की आपको ये ख़ुशी से वंचित होना पड़ रहा है। लेकिन हाँ, हमारी ये कोशिश रहेगी की आपको भी हम वही सभी कहानियाँ सुनाने का मौक़ा मिले।

Short Stories in Hindi for Kids (2023)

यदि आप भी अपने बच्चों को कुछ ऐसे ही अनोखी और रोचक हिंदी कहानियां सुनना चाहते हैं तब आप यहाँ से उन कहानिओं को पढकर जरुर सुना सकते हैं. तो बिना देरी किये एक बढ़िया सी कहानी सुनते हैं.

1. शेर और चूहे की कहानी: Short Hindi Story with Moral

एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए. इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया.

वहीँ फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया.

कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया. वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया. ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका. ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा.

उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी. वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है. जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी. बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है.

2. लालची शेर की कहानी: Short Stories in Hindi for Kids

गर्मी के एक दिन में, जंगल के एक शेर को बहुत जोरों से भूख लगी. इसलिए वो इधर उधर खाने की तलाश करने लगा. कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला, लेकिन उसे खाने के बदले में उसे उसने छोड़ दिया क्यूंकि उसे वो बहुत ही छोटा लगा.

फिर कुछ देर धुंडने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला, उसने उसका पीछा किया लेकिन चूँकि वो बहुत से खाने की तलाश कर रहा था ऐसे में वो थक गया था, जिसके कारण वो हिरन को पकड़ नहीं पाया.

अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वो वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचा. वहीँ जब वो वापस उसी स्थान में आया था उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्यूंकि वो वहां से जा चूका था. अब शेर काफ़ी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहना पड़ा.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नहीं होता है.

3. सुई देने वाली पेड़ की कहानी : Hindi Short Stories with Moral

एक जंगल के पास दो भाई रहा करते थे. इन दोनों में से जो भाई बड़ा था वो बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था छोटे भाई के साथ. जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना ख लेता था और साथ में छोटे भाई के नए कपड़े भी खुद पहन लेता था.

एक दिन बड़े भाई ने तय किया की वो पास के जंगल में जाकर कुछ लकड़ियाँ लायेगा जिसे की वो बाद में बाज़ार में बेच देगा कुछ पैसों के लिए.

जैसे ही वह जंगल में गया वहीं वो बहुत से पेड़ काटे, फ़िर ऐसे ही एक के बाद एक पेड़ काटते हुए, वह एक जादुई पेड़ पर ठोकर खाई.

ऐसे में पेड़ ने कहा, अरे मेहरबान सर, कृपया मेरी शाखाएं मत काटो. अगर तुम मुझे छोड़ दो तब, मैं तुम्हें एक सुनहरा सेब दूंगा. वह उस समय सहमत हो गया, लेकिन उसके मन में लालच जागृत हुआ. उसने पेड़ को धमकी दी कि अगर उसने उसे ज्यादा सेब नहीं दिया तो वह पूरा धड़ काट देगा।

ऐसे में जादुई पेड़, बजाय बड़े भाई को सेब देने के, उसने उसके ऊपर सैकड़ों सुइयों की बौछार कर दी. इससे बड़े भाई दर्द के मारे जमीन पर लेटे रोने लगा.

अब दिन धीरे धीरे ढलने लगा, वहीँ छोटे भाई को चिंता होने लगी. इसलिए वह अपने बड़े भाई की तलाश में जंगल चला गया. उसने उस पेड़ के पास बड़े भाई को दर्द में पड़ा हुआ पाया, जिसके शरीर पर सैकड़ों सुई चुभी थी. उसके मन में दया आई, वह अपने भाई के पास पहुंचकर, धीरे धीरे हर सुई को प्यार से हटा दिया.

ये सभी चीज़ें बड़ा भाई देख रहा था और उसे अपने पर गुस्सा आ रहा था. अब बड़े भाई ने उसके साथ बुरा बर्ताव करने के लिए छोटे भाई से माफी मांगी और बेहतर होने का वादा किया. पेड़ ने बड़े भाई के दिल में आए बदलाव को देखा और उन्हें वह सब सुनहरा सेब दिया जितना की उन्हें आगे चलकर जरुरत होने वाली थी.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमेशा सभी को दयालु और शालीन बनना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को हमेशा पुरस्कृत किया जाता है.

4. लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी : Moral Stories in Hindi in Short

एक समय की बात है जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था. वो जंगल में लकड़ी इकठ्ठा करता था और उन्हें पास के बाज़ार में बेचता था कुछ पैसों के लिए.

एक दिन की बात है वो एक पेड़ काट रहा था, तभी हुआ ये की गलती से उसकी कुल्हाड़ी पास की एक नदी में गिर गई. नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और वास्तव में तेजी से बह रही थी- उसने बहुत प्रयत्न किया अपने कुल्हाड़ी को खोजने की लेकिन उसे वो वहां नहीं मिली. अब उसे लगा की उसने कुल्हाड़ी खो दी है, वहीँ दुखी होकर वो नदी के किनारे बैठकर रोने लगा.

उसके रोने की आवाज सुनकर नदी के भगवान उठे और उस लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ. लकड़हारा ने उन्हें अपनी दुखद कहानी बताई. नदी के भगवान को उस लकड़हारे के ऊपर दया आई और वो उसकी मेहनत और सच्चाई देखकर उसकी मदद करने की पेशकश की.

वो नदी में गायब हो गए और एक सुनहरी कुल्हाड़ी वापस लाया, लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह उसका नहीं है. वो फिर से गायब हो गए और अब की बार उन्होंने चांदी की कुल्हाड़ी लेकर वापस आये, लेकिन इस बार भी लकड़हारे ने कहा कि ये कुल्हाड़ी उसका भी नहीं है।

अब नदी के भगवान पानी में फिर से गायब हो गए और अब की बार वो एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ वापस आ गए – लकड़ी का कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारा मुस्कुराया और कहा कि यह उसकी कुल्हाड़ी है.

नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियों से भेंट किया.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है.

5. हाथी और उसके दोस्तों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi for Class 1

बहुत समय पहले की बात है, एक अकेला हाथी एक अजीब जंगल में बसने आया.. यह जंगल उसके लिए नया था, और वह दोस्त बनाने के लिए देख रहा था.

वो सबसे पहले एक बंदर से संपर्क किया और कहा, “नमस्ते, बंदर भैया ! क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहेंगे? ” बंदर ने कहा, तुम मेरी तरह झूल नहीं सकते क्यूंकि तुम बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता.

इसके बाद हाथी एक खरगोश के पास गया और वही सवाल पूछा. खरगोश ने कहा, तुम मेरे बिल में फिट होने के लिए बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता.

फिर हाथी तालाब में रहने वाले मेंढक के पास गया और वही सवाल पूछा. मेंढक ने उसे जवाब दिया, तुम मेरे जितना ऊंची कूदने के लिए बहुत भारी हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता. अब हाथी वास्तव में उदास था क्योंकि वह बहुत कोशिशों के वाबजूद दोस्त नहीं बना सका.

फिर, एक दिन, सभी जानवरों को जंगल में इधर उधर दौड़ रहे थे, ये देखकर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि इस उपद्रव के पीछे का कारण क्या है.

भालू ने कहा, जंगल का शेर शिकार पर निकला है – वे खुद को उससे बचाने के लिए भाग रहे हैं. ऐसे में हाथी शेर के पास गया और कहा कि कृपया इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ. कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें.

शेर ने उसका मजाक उड़ाया और हाथी को एक तरफ चले जाने को कहा. तभी हाथी को गुस्सा आ गया और उसने शेर को उसकी सारी ताकत लगाकर धक्का दे दिया, जिससे वह घायल हो गया और वहां से भाग खड़ा हुआ.

अब बाकी सभी जानवर धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर आनंदित होने लगे. वे हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बनने के लिए !”

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक व्यक्ति का आकार उनके मूल्य का निर्धारण नहीं करता है.

6. आलू, अंडे और कॉफी बीन्स की कहानी : Small Moral Stories in Hindi

एक लड़का था जिसका नाम जॉन था और वो काफ़ी उदास था। उसके पिता को वह रोता हुआ मिला। 

जब उसके पिता ने जॉन से पूछा कि वह क्यों रो रहे हैं, तो उसने कहा कि उसके जीवन में बहुत सारी समस्याएं हैं। उसके पिता बस मुस्कुराए और उसे एक आलू, एक अंडा और कुछ कॉफी बीन्स लाने को कहा। उसने उन्हें तीन कटोरे में रखा।

फिर उन्होंने जॉन से उनकी बनावट को महसूस करने के लिए कहा और फिर उन्होंने प्रत्येक कटोरी में पानी भर देने का निर्देश दिया। 

जॉन ने वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया था। उसके पिता ने फिर तीनों कटोरे उबाले।

एक बार जब कटोरे ठंडे हो गए, तो जॉन के पिता ने उन्हें अलग-अलग खाद्य पदार्थों की बनावट को फिर से महसूस करने के लिए कहा।

जॉन ने देखा कि आलू नरम हो गया था और उसकी त्वचा आसानी से छिल रही थी; अंडा कठिन और सख्त हो गया था; वहीं कॉफी बीन्स पूरी तरह से बदल गई थी और पानी के कटोरे को सुगंध और स्वाद से भर दिया था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जीवन में हमेशा समस्याएँ और दबाव होंगे, जैसे कहानी में उबलता पानी। इन समस्याओं पर आप इस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, यही सबसे अधिक मायने रखती है!

7. दो मेंढ़कों की कहानी : Short Animal Stories in Hindi

एक बार मेंढकों का एक दल पानी की तलाश में जंगल में घूम रहा था। अचानक, समूह में दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए।

दल के दूसरे मेंढक गड्ढे में अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। गड्ढा कितना गहरा था, यह देखकर उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।

वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश कर रहे थे। वो दोनों जितनी भी कोशिश करते लेकिन काफ़ी सफल नहीं हो पाते।

जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया – कि वे कभी भी गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और अंततः हार मान लेने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

दूसरा मेंढक अपनी कोशिश जारी रखता है और आखिर में इतनी ऊंची छलांग लगाता है कि वह गड्ढे से बच निकलता है। अन्य मेंढक इस पर चौंक गए और आश्चर्य किया कि उसने यह कैसे किया।

अंतर यह था कि दूसरा मेंढक बहरा था और समूह का हतोत्साह नहीं सुन सकता था। उसने ये सोचा कि वे उसके इस कोशिश पर खुश कर रहे हैं और उसे कूदने के लिए उत्साहित कर रहे हैं !

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करेगी जब आप उसपर विश्वास करेंगे, बेहतर इसी में है की आप खुद पर ज़्यादा विश्वास करें, सफलता आपके कदम चूमेगी।

8. मूर्ख गधा की कहानी : Simple Short Motivation Stories in Hindi

एक नमक बेचने वाला रोज अपने गधे पर नमक की थैली लेकर बाजार जाता था।

रास्ते में उन्हें एक नदी पार करना पड़ता था। एक दिन नदी पार करते वक्त, गधा अचानक नदी में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में गिर गई। चूँकि नमक से भरा थैला पानी में घुल गया और इसलिए थैला ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया। 

इसकी वजह से गधा बहुत ही खुश था। अब फिर गधा रोज वही चाल चलने लगा, इससे नमक बेचने वाले को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ता।

नमक बेचने वाले को गधे की चाल समझ में आ गई और उसने उसे सबक सीखाने का फैसला किया। अगले दिन उसने गधे पर एक रुई से भरा थैला लाद दिया।

अब गधे ने फिर से वही चाल चली। उसे उम्मीद थी कि रुई का थैला अभी भी हल्का हो जाएगा।

लेकिन गीला रुई (कपास) ले जाने के लिए बहुत भारी हो गया और गधे को नुकसान उठाना पड़ा। उसने इससे  एक सबक सीखा। उस दिन के बाद उसने कोई चाल नहीं चली और नमक बेचने वाला खुश था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की भाग्य हमेशा साथ नहीं देता है, हमेशा हमें अपने बुद्धि का भी इस्तमाल करना चाहिए।।

9. एक बूढ़े व्यक्ति की कहानी : Very Short Motivation Story in Hindi

गाँव में एक बुढ़ा व्यक्ति रहता था। वह दुनिया के सबसे बदकिस्मत लोगों में से एक था। सारा गाँव उसके अजीबोग़रीब हरकत से थक गया था।

क्यूँकि वह हमेशा उदास रहता था, वह लगातार शिकायत करता था और हमेशा खराब मूड में रहता था।

जितना अधिक वह जीवित रहा, उतना ही वो दुखी रहता और उसके शब्द उतने ही जहरीले थे। लोग उससे बचते थे, क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था।

उससे जो भी मिलता उसका दिन अशुभ हो जाता। उसके बगल में खुश रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक भी था।

इतना ज़्यादा दुखीं होने के वजह से उसने दूसरों में दुख की भावना पैदा की।

लेकिन एक दिन, जब वह अस्सी साल के हुए, एक अविश्वसनीय बात हुई। ये बात लोगों में आज के तरह फैल गयी।  

वह बूढ़ा आदमी आज खुश था, वह किसी भी चीज़ की शिकायत नहीं कर रहा था, बल्कि पहली बार वो मुस्कुरा रहा था, और यहाँ तक कि उसका चेहरा भी तरोताज़ा दिखायी पड़ रहा था।”

यह देख कर पूरा गांव उसके घर के सामने इकट्ठा हो गया। और सभी ने बूढ़े आदमी से पूछा की : तुम्हें क्या हुआ है?

जवाब में बूढ़ा आदमी बोला : “कुछ खास नहीं। अस्सी साल से मैं खुशी का पीछा कर रहा हूं, और यह बेकार था, मुझे ख़ुशी कभी नहीं मिली। और फिर मैंने खुशी के बिना जीने और जीवन का आनंद लेने का फैसला किया। इसलिए मैं अब खुश हूं।” 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की खुशी का पीछा मत करो। जीवन का आनंद लो।

10. रास्ते में बाधा की कहानी : Short Moral Story for Adults in Hindi

बहुत पुराने समय की बात है, एक राजा ने जानबूझकर एक बड़ा सा चट्टान रास्ते के बीचों बीच में रखवा दिया। वहीं वो पास के एक बड़े से झाड़ी में छुप गया। वो ये देखना चाहता था की आख़िर कौन वो चट्टान रास्ते से हटाता है। 

उस रास्ते से बहुत से लोग आने जाने लगे लेकिन किसी ने भी उस चट्टान को हटाना ठीक नहीं समझा। यहाँ तक की राजा के दरबार के ही बहुत से मंत्री और धनी व्यापारी भी उस रास्ते से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उसे हटाना ठीक नहीं समझा। उल्टा उन्होंने राजा को ही इस बाधा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

बहुत से लोगों ने राजा पर सड़कों को साफ न रखने के लिए जोर-जोर से आरोप लगाया, लेकिन उनमें से किसी ने भी पत्थर को रास्ते से हटाने के लिए कुछ नहीं किया।

तभी एक किसान सब्जियों का भार लेकर आया। शिलाखंड (चट्टान) के पास पहुंचने पर किसान ने अपना बोझ नीचे रखा और पत्थर को सड़क से बाहर धकेलने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे सफलता मिली।

जब किसान अपनी सब्जियां लेने वापस गया, तो उसने देखा कि सड़क पर एक पर्स पड़ा था, जहां पत्थर पड़ा था।

पर्स में कई सोने के सिक्के और राजा का एक नोट था जिसमें बताया गया था कि सोना उस व्यक्ति के लिए था जिसने सड़क से चट्टान को हटाया था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जीवन में हमारे सामने आने वाली हर बाधा हमें अपनी परिस्थितियों को सुधारने का अवसर देती है, और जबकि आलसी शिकायत करते हैं, दूसरे अपने दयालु हृदय, उदारता और काम करने की इच्छा के माध्यम से अवसर पैदा कर देते हैं।

11. लोमड़ी और अंगूर की कहानी : Good Short Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों पहले की बात है, एक बार एक जंगल में एक लोमड़ी को बहुत भूख लगी। उसने पूरी जंगल में छान मारा लेकिन उसे कहीं पर भी खाने को कुछ भी नहीं मिला। इतनी मेहनत से खोज करने के बाद भी , उसे कुछ ऐसा नहीं मिला जिसे वह खा सके।

अंत में, जैसे ही उसका पेट गड़गड़ाहट हुआ, वह एक किसान की दीवार से टकरा गया। दीवार के शीर्ष पर पहुँचकर, उसने अपने सामने बहुत से बड़े, रसीले अंगूरों को देखा। वो सभी अंगूर दिखने में काफ़ी ताज़े और सुंदर थे। लोमड़ी को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे खाने के लिए तैयार हैं।

अंगूर तक पहुँचने के लिए लोमड़ी को हवा में ऊंची छलांग लगानी पड़ी। कूदते ही उसने अंगूर पकड़ने के लिए अपना मुंह खोला, लेकिन वह चूक गया। लोमड़ी ने फिर कोशिश की लेकिन फिर चूक गया।

उसने कुछ और बार कोशिश की लेकिन असफल रहा

अंत में, लोमड़ी ने फैसला किया कि वो अब और कोशिश नहीं कर सकता है और उसे घर चले जाना चाहिए। जब वह चला गया, तो वह मन ही मन बुदबुदाया, “मुझे यकीन है कि अंगूर वैसे भी खट्टे थे।”

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जो हमारे पास नहीं है उसका कभी तिरस्कार न करें; कुछ भी आसान नहीं आता।

12. अहंकारी गुलाब की कहानी : Cute Inspirational Short Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, दूर एक रेगिस्तान में, एक गुलाब का पौधा था जिसे अपने सुंदर रूप (गुलाब का फ़ुल) पर बहुत गर्व था। उसकी एकमात्र शिकायत यह थी की, एक बदसूरत कैक्टस के बगल में बढ़ रही थी।

हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके लुक्स पर उसका मजाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस चुप रहता था। आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह भी अपने ही रूप से प्रभावित थी।

एक चिलचिलाती गर्मी, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी मुरझाने लगा। उसकी सुंदर पंखुड़ियाँ सूख गईं, अपना रसीला रंग खो दिया।

एक दिन दोपहर में, गुलाब ने ये नज़ारा देखा की एक गौरैया कुछ पानी पीने के लिए अपनी चोंच को कैक्टस में डुबा रही थी। यह देखकर गुलाब के मन में कुछ संकोच आयी। 

हालांकि शर्म आ रही थी फिर भी, गुलाब ने कैक्टस से पूछा कि क्या उसे कुछ पानी मिल सकता है? इसके जवाब में, दयालु कैक्टस आसानी से सहमत हो गया। गुलाब को अपनी गलती की एहसास हुआ, वहीं उसने एक दूसरे का मदद किया इस कठिन गर्मी को पार करने के लिए।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की कभी भी किसी को उनके दिखने के तरीके से मत आंकिए।

13. कौवे की गिनती : Akbar Birbal Short Moral Stories in Hindi

एक दिन की बात है, अकबर महाराज जे अपने सभा में एक अजीब सा सवाल पूछा, जिससे पूरी सभा के लोग हैरान रह गए। जैसे ही वे सभी उत्तर जानने की कोशिश कर रहे थे, तभी बीरबल अंदर आए और पूछा कि मामला क्या है। 

उन्होंने उससे सवाल दोहराया। सवाल था, “शहर में कितने कौवे हैं?

बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उन्होंने उत्तर की घोषणा की; उनका जवाब था की, नगर में इक्कीस हजार पांच सौ तेईस कौवे हैं। यह पूछे जाने पर कि वह उत्तर कैसे जानते हैं, तब बीरबल ने उत्तर दिया, “अपने आदमियों से कौवे की संख्या गिनने के लिए कहें।

यदि अधिक मिले,, तो कौवे के रिश्तेदार उनके पास आस-पास के शहरों से आ रहे होंगे। यदि कम हैं, तो हमारे शहर के कौवे शहर से बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास जरूर गए होंगे।” 

यह जवाब सुनकर, राजा को काफ़ी संतोष मिला। इस उत्तर से प्रसन्न होकर अकबर ने बीरबल को एक माणिक और मोती की जंजीर भेंट की। वहीं उन्होंने बीरबल की बुद्धि की काफ़ी प्रसंशा करी।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही उत्तर का होना।

14. लालची आदमी की कहानी : Motivational Short Moral Stories in Hindi

एक बार एक छोटे से शहर में एक लालची आदमी रहता था। वह बहुत ही धनी था, लेकिन इसके वाबजुद भी उसकी लालच का कोई अंत नहीं था। उसे सोना और क़ीमती वस्तुएँ काफ़ी प्रिय थीं। 

लेकिन एक बात ज़रूर थी की, वह अपनी बेटी को किसी भी चीज से ज्यादा प्यार करता था। एक दिन उसे एक परी दिखाई दी। जब वो उसके पास आया तो उसने देखा की, पेड़ की कुछ शाखाओं में परी के बाल फंस गए थे। 

उसने उसकी मदद की और परी उन शाखाओं से आज़ाद हो गयी। लेकिन जैसे-जैसे उसका लालच हावी हुआ, उसने महसूस किया कि उसके इस मदद के बदले में एक इच्छा माँगकर (उसकी मदद करके) वो आसानी से अमीर बन सकता है। 

ये सुनकर, परी ने उसे एक इच्छा की पूर्ति करने का मौक़ा भी दिया। ऐसे में उस लालची आदमी ने कहा की, “जो कुछ मैं छूऊं वह सब सोना हो जाए।” बदले में ये इच्छा को भी उस परी ने पूरी कर दी थी। 

जब उसकी इच्छा पूर्ण हो गयी, तब वो लालची आदमी अपनी पत्नी और बेटी को अपनी इच्छा के बारे में बताने के लिए घर भागा। उसने हर समय पत्थरों और कंकड़ को छूते हुए और उन्हें सोने में परिवर्तित होते देखा, जिसे देखकर वो बहुत ही खुश भी हुआ।  

घर पहुंचते ही उसकी बेटी उसका अभिवादन करने के लिए दौड़ी। जैसे ही वह उसे अपनी बाहों में लेने के लिए नीचे झुका, वह एक सोने की मूर्ति में बदल गई। ये पूरी घटना अपने सामने देखते ही उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।

वो काफ़ी ज़ोर से रोने लगा और अपनी बेटी को वापस लाने की कोशिश करने लगा। उसने परी को खोजने की काफ़ी कोशिश करी लेकिन वो उसे कहीं पर भी नहीं मिली। उसे अपनी मूर्खता का एहसास हुआ, लेकिन अब तक काफ़ी देर हो गयी थी।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की लालच हमेशा पतन की ओर ले जाता है। ज़रूरत से ज़्यादा लालच करना हमें हमेशा दुःख प्रदान करता है।

15. लोमड़ी और सारस की कहानी : Inspirational Short Moral Stories in Hindi

एक दिन, एक स्वार्थी लोमड़ी ने एक सारस को रात के खाने के लिए आमंत्रित किया। सारस निमंत्रण से बहुत खुश हुआ, क्यूंको उसे खाने का काफ़ी शौक़ था। वह समय पर लोमड़ी के घर पहुँची और अपनी लंबी चोंच से दरवाजा खटखटाया। 

लोमड़ी ने उसे घर पर आमंत्रित किया और अंदर अंदर आने को कहा। फिर उसे खाने की मेज पर ले गई और उन दोनों के लिए उथले कटोरे में कुछ सूप परोसा। चूंकि कटोरा सारस के लिए बहुत उथला था, इसलिए वह सूप बिल्कुल नहीं पी सकती थी। लेकिन, लोमड़ी ने जल्दी से अपना सूप चाट लिया।

सारस गुस्से में और परेशान थी, लेकिन उसने अपना गुस्सा नहीं दिखाया और विनम्रता से व्यवहार किया। वहीं उसने मन ही मन एक योजना बनायी, लोमड़ी को सबक सीखाने के लिए। 

उसने फिर लोमड़ी को अगले ही दिन रात के खाने पर आमंत्रित किया। जब लोमड़ी उसके घर पर आयी, तब उसने भी सूप परोसा, लेकिन इस बार सूप को दो लंबे संकरे फूलदानों में परोसा। सारस ने अपने फूलदान से सूप को खा लिया, लेकिन लोमड़ी अपनी संकीर्ण गर्दन के कारण उसमें से कुछ भी नहीं पी सकी। 

अब ये सब देखकर लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह भूखा घर चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक स्वार्थी कार्य जल्दी या बाद में उलटा अवस्य पड़ ही जाता है।

16. क्रिस्टल बॉल की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 2

बहुत दिनों पहले की बात है। एक बार एक छोटा सा लड़का राम अपने बगीचे में खेल रहा था। उसे अपने बगीचे के बरगद के पेड़ के पीछे एक क्रिस्टल बॉल मिली। पेड़ ने उससे कहा कि यह एक जादूयी क्रिस्टल बॉल है जो की उसकी इच्छा की पूर्ति करेगा। 

यह सुनकर वह बहुत खुश हुआ और उसने बहुत सोचा, लेकिन दुर्भाग्य से उसे ऐसी कोई भी चीज़ नहीं मिली जिसे की वो उस क्रिस्टल बॉल से माँग सके। इसलिए, उसने क्रिस्टल बॉल को अपने बैग में रखा और तब तक इंतजार किया जब तक कि वह अपनी इच्छा पर फैसला नहीं कर लेता।

ऐसे ही सोचते सोचते बहुत दिन बीत गए, लेकिन उसे अभी तक भी ये समझ में नहीं आ रहा था की वो आख़िर में क्या माँगे। एक दिन उसका मित्र उसे उस क्रिस्टल बॉल के साथ देख लेता है। वहीं उसने राम से वो क्रिस्टल बॉल चुराया और गाँव के सभी लोगों को दिखाया।

उन सभी ने अपने लिए महल और धन और बहुत सारा सोना माँगा, लेकिन वे सभी भी एक से अधिक इच्छा नहीं कर सके। अंत में, हर कोई नाराज था क्योंकि उन्हें वो सब कुछ नहीं मिल पाया जिन्हें की उन्हें चाह थी। 

वे सभी बहुत दुखी हुए और उन्होंने राम से मदद मांगने का फैसला किया। उनकी बातें सुनकर राम ने एक इच्छा माँगना चाहा, वहीं राम ने अपनी ये इच्छा माँगी कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए। इससे पहले जो सभी गाँव वालों ने अपने लालच को पूरा करने की कोशिश की थी उनकी सभी चीजें ग़ायब हो गयी।

यानी की उनके द्वारा माँगी गयी महल और सोना गायब हो गया और गाँव वाले एक बार फिर खुश और संतुष्ट हो गए। अंत में सभी ने राम को उसकी सूझ बुझ के लिए धन्यवाद कहा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की पैसा और दौलत हमेशा खुशी नहीं लाते।

17. चींटी और कबूतर की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 3

भीषण गर्मी के दिनों में एक चींटी पानी की तलाश में इधर-उधर घूम रही थी। कुछ देर घूमने के बाद उसने एक नदी देखी और उसे देखकर प्रसन्न हुई। वह पानी पीने के लिए एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई, लेकिन वह फिसल कर नदी में गिर गई। 

वह जब डूब रही थी तब उसे एक कबूतर ने देख लिया। वह कबूतर जो की पास के एक पेड़ पर बैठा हुआ था उसने उसकी मदद की। चींटी को संकट में देखकर कबूतर ने झट से एक पत्ता पानी में गिरा दिया। 

चींटी पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। फिर कबूतर ने ध्यान से पत्ते को बाहर निकाला और जमीन पर रख दिया। इस तरह चींटी की जान बच गई और वह हमेशा कबूतर की ऋणी रही।

इस घटना के बाद चींटी और कबूतर सबसे अच्छे दोस्त बन गए और उनके दिन खुशी से बीते। लेकिन एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने पेड़ पर बैठे सुंदर कबूतर को देखा और अपनी बंदूक से कबूतर पर निशाना साधा। 

यह सब वह चींटी देख रहा था जिसे की उस कबूतर ने बचाया था। यह देखकर उस चींटी ने शिकारी की एड़ी पर काट लिया, जिससे वह दर्द से चिल्लाया और उसके हाथ से बंदूक गिरा दी। कबूतर शिकारी की आवाज से घबरा गया और उसे एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हो सकता है। वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से उड़ गया!

जब वह शिकारी वहाँ से चला गया फिर कबूतर वहाँ उस चींटी के पास आया और उसकी जान बचाने के लिए उसे धनयवाद दिया। इस तरह दोनों दोस्त विपत्ति के समय में एक दूसरे के काम आए। 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक अच्छा काम कभी बेकार नहीं जाता, समय आने पर वो अवस्य फल देता है।

18. चींटी और हाथी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 4

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बार एक घमंडी हाथी था जो हमेशा छोटे जानवरों को धमकाता था और उनका जीवन कष्टदायक बनाता था। इसलिए सभी छोटे जानवर उससे परेशान थे। एक बार की बात है वह अपने घर के पास के एंथिल (चींटी की मांद) में गया और चींटियों पर पानी छिड़का।

ऐसा होने पर वो सभी चींटियाँ अपने आकार को लेकर रोने लगीं। क्यूँकि वो हाथी इनकी तुलना में काफ़ी बड़ा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर सकती थीं।

हाथी बस हँसा और चींटियों को धमकी दी कि वह उन्हें कुचल कर मार डालेगा। ऐसे में चींटियाँ वहाँ से चुपचाप चली गयी। फिर एक दिन, चींटियों ने एक सभा बुलायी और उन्होंने हाथी को सबक सीखाने का फैसला किया। अपनी योजना के मुताबिक़ जब हाथी उनके पास आया तब वे सीधे हाथी की सूंड में जा घुसे और उसे काटने लगे।

इससे हाथी केवल दर्द में कराह सकता था। क्यूँकि चींटियाँ इतनी छोटी थी कि उनका यह हाथी कुछ नहीं कर सकता था। साथ में उसके शूँड के अंदर होने के वजह से वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने चींटियों और उन सभी जानवरों से माफी मांगी जिन्हें उसने धमकाया था।

उसकी ये पीड़ा देखकर चींटियों को भी दया आयी और उन्होंने उसे छोड़ दिया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की विनम्र बनो और सभी के साथ दया का व्यवहार करो। अगर आपको लगता है कि आप दूसरों से ज्यादा मजबूत हैं, तो अपनी ताकत का इस्तेमाल उन्हें नुकसान पहुंचाने के बजाय उनकी रक्षा के लिए करना चाहिए।

19. कुत्ता और हड्डी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 5

बहुत समय पहले की बात है, एक बार एक कुत्ता था जो खाने की तलाश में रात-दिन सड़कों पर घूमता रहता था।

एक दिन, उसे एक बड़ी रसीली हड्डी मिली और उसने तुरंत उसे अपने मुंह के बीच में पकड़ लिया और घर की ओर ले गया। घर के रास्ते में, उसने एक नदी पार करनी पड़ी। वहाँ उसने गौर किया की एक और कुत्ता ठीक उसी के तरफ़ ही देख रहा था, वहीं जिसके मुंह में भी एक हड्डी थी।

इससे इस कुत्ते के मन में लालच उत्पन्न हुई और वह उस हड्डी को अपने लिए चाहने लगा। लेकिन जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, जिस हड्डी को वह काट रहा था, वह नदी में गिर गई और डूब गई। ऐसा इसलिए हुआ क्यूँकि वो दूसरा कुत्ता और कोई नहीं बल्कि उसकी ही परछायी थी, जो की उसे पानी में दिख रहा था। अब जब की उसके मुँह की हड्डी गिर चुकी थी पानी में इसलिए उस रात वह भूखा ही रहा और अपने घर चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अगर हम हमेशा दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, तो हम लालची कुत्ते की तरह सबक़ सीखना पड़ेगा, वहीं जो हमारे पास पहले से है हम उसे भी खो देंगे।

20. झूठा लड़का और भेड़िया की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 6

बहुत समय पहले की बात है एक बार, एक गाँव में एक लड़का रहा करता था जो की पास की पहाड़ी पर चरते गाँव की भेड़ों को देखकर ऊब गया था। अपना मनोरंजन करने के लिए, उसने चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”

जब गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हो गया। उसे यह देखकर मज़ा आया।

सभी गाँव वालों ने उस लड़के को चेतावनी दी की “भेड़िया भेड़िया चिल्लाओ मत, लड़का,”, “जब कोई भेड़िया नहीं है!” इसके बाद वे सभी गुस्से में वापस पहाड़ी से चले गए।

अपने मनोरंजन के लिए, बाद में एक बार फिर से, चरवाहा लड़का फिर चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”, उसने देखा कि ग्रामीण भेड़िये को डराने के लिए पहाड़ी पर दौड़ रहे हैं। यह देख उसे फिर से आनंद आने लगा।

जब उन्होंने देखा कि कोई भेड़िया नहीं है, तो उन्होंने सख्ती से उस लड़के को कहा, की जब कोई भेड़िया नहीं है तब उसे उन्हें नहीं बुलाना चाहिए। केवल भेड़िया के आने पर ही उन्हें उसे पुकारना चाहिए। जब वो गाँव वाले पहाड़ी के नीचे जा रहे थे, तब वो लड़का मन ही मन मुस्कुराया।

बाद में, लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड के तरफ़ आते देखा। घबराए हुए, वह अपने पैरों पर कूद गया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” लेकिन गाँव वालों ने अब की बार सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।

सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में गए जो अपनी भेड़ों के साथ नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर गए, तो उन्होंने उसे रोते हुए पाया।

“यहाँ वास्तव में एक भेड़िया था! झुंड चला गया! मैं चिल्लाया, ‘भेड़िया!’ लेकिन तुम नहीं आए,” वह चिल्लाया, यह सब वो रोते हुए कहा। 

अब एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने गया। जैसे ही उसने उसके पीठ पर अपना हाथ रखा, उसने कहा, “झूठे पर कोई विश्वास नहीं करता, भले ही वह सच कह रहा हो!” अब उस लड़के को अपनी गलती का पछतावा हुआ। 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की झूठ से विश्वास टूट जाता है – भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है। इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए।

21. तेनाली रामा और चोरों की टोली की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 7

बहुत दिनों पहले की बात है, तब भारत के दक्षिण दिशा में विजयनगर नामक एक राज्य हुआ करता था। उस राज्य के राजा कृष्णदेवराय हुआ करते थे। वहीं उनके दरबार में तेनाली रामा नामक एक मंत्री भी था। 

विजयनगर में उन दिनों चोरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। राजा कृष्णदेवराय चोरों से चिंतित थे। तेनाली रामा समेत दरबार में हर कोई चिंतित नजर आया! उस शाम जब वह (तेनाली रामा) दरबार से अपने घर वापस आया, तो उसने देखा कि उसके बगीचे में कुएँ के पास बड़े आम के पेड़ के पीछे दो आकृतियाँ छिपी हुई हैं।

अब उसे ये भली भाँति मालूम पड़ गया था की ये कोई ओर नहीं बल्कि वहीं चोर हैं। उसने उन चोरों को सही सबक सीखाने के बारे में सोचा।  वह घर पहुँचकर अपने पत्नी के साथ ज़ोर ज़ोर से बातें करने लगा, जिससे की वो चोर लोग उनकी बातों को सुन सके। 

वह अपनी पत्नी से क्या कह रहा था :”… हमारे गहने घर पर रखना सुरक्षित नहीं है। कृपया हमारे लोहे के ट्रंक को अपने गहनों से भर दें और वो लोग उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कुएं में गिरा देंगे !”

ये बातें सुनकर लुटेरों ने एक बेवकूफ की योजना के विचार पर चुटकी ली। उन्हें लगा की यह तेनाली रामा कितना ही ज़्यादा मूर्ख व्यक्ति है। वहीं तेनाली रामा ने अपनी पत्नी को फुसफुसाया कि चोर बगीचे में छिपे हुए हैं। वहीं साथ में वह ट्रंक को पत्थरों और बर्तनों से भरने के लिए कहता है।

एक बार ट्रंक भर जाने के बाद, तेनाली राम और उनकी पत्नी ने ट्रंक को खींचकर कुएँ में गिरा दिया।”यह यहाँ सुरक्षित रहेगा!” उसने अपनी पत्नी को जोर से कहा।

दोनों चोर घर में लोगों के सोने का इंतजार कर रहे थे। उनके पास एक योजना थी! प्रत्येक लुटेरा बारी-बारी से कुएँ से पानी निकालने लगा।

उनका उत्साह जल्द ही थकान में बदल गया और उन्होंने थोड़ा विश्राम लेने का फैसला किया। तभी पास ही किसी ने कहा: “बस इतना ही! बगीचे में पानी भर गया है, तुमने दिन के लिए अच्छा काम किया है! अब मुझे बगीचे में पानी भरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ”। 

लुटेरों ने जब इधर-उधर देखा तब उन्हें तेनाली रामा पीछे फावड़ा और डंडा पकड़े हुए दिखा। उसे देखकर वो चौंक गए, वो उठे और भाग गए! कुछ समय बाद, विजयनगर के लोगों ने किसी लूट की शिकायत नहीं की।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की किसी भी विषम परिस्थिति में बेहतर यही है कि शांत रहें और किसी समस्या का हल ढूंढ़ लें।

22. दूधवाली और उसके सपने की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 8

दूधवाली और उसके सपने एक बहुत ही अनोखी कहानी है जिसमें की बच्चों को दिवास्वप्न न देखने की सीख मिलती है। एक समय की बात है, एक गाँव में कमला नाम की एक दूधवाली रहती थी। वो अपने गायों की दूध को बेचकर पैसे कमाती थी जिससे की उसका गुज़ारा चलता था। 

एक दिन की बात है, उसने अपनी गाय को दूध पिलाया और एक छड़ी पर लाए हुए दूध की दो बाल्टी लेकर बाजार में दूध बेचने निकल पड़ी। जैसे ही वह बाजार जा रही थी, वह दिवास्वप्न देखने लगी कि दूध के लिए उसे जो पैसा मिला है, उसका वह क्या करेगी।

उसने मन ही मन कई चीजें सोचने लगी। उसने मुर्गी खरीदने और उसके अंडे बेचने की सोची। फिर उस पैसे से वो एक केक, स्ट्रॉबेरी की एक टोकरी, एक फैंसी ड्रेस और यहां तक ​​कि एक नया घर खरीदने का सपना देखने लगी। इस प्रकार से वो कम समय से अमीर बनने की योजना बनाई। 

अपने उत्साह में, वह अपने साथ ले जा रहे दोनों बाल्टी के बारे में भूल गई और उन्हें छोड़ना शुरू कर दिया। अचानक, उसने महसूस किया कि दूध नीचे गिर रहा है और जब उसने अपनी बाल्टी की जाँच की, तो वे खाली थे। ये देखकर वो रोने लगी और उसे उसके भूल का पछतावा होने लगा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की केवल सफलता ही नहीं, सफलता प्राप्त करने की प्रक्रिया पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

23. सुनहरे हंस की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 9

यह जातक कथाओं से बच्चों के लिए नैतिक कहानियों में से एक है, जो लालच की बात करती है! बहुत दिनों की बात है एक झील में एक हंस रहता था, जो की काफ़ी खास था। उसके सुंदर सुनहरे पंख थे। वहीं झील के पास एक बूढ़ी औरत अपनी बेटियों के साथ रहती थी। 

बहुत ज़्यादा मेहनत करने के बाद भी वे गरीब ही रहे। एक दिन, हंस ने सोचा: शायद मैं हर दिन एक सुनहरा पंख दे दूं ताकि ये महिलाएं इसे बेच सकें और जीने के लिए पर्याप्त पैसा हो।

अगले दिन हंस बुढ़िया के पास गया। उसे देखकर बूढ़ी औरत ने कहा, “मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है!” लेकिन ऐसा कहने पर हंस ने कहा, “लेकिन, मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है!” और समझाया कि वह क्या कर सकती है! 

बुढ़िया और उसकी बेटियाँ सोने का पंख बेचने के लिए बाजार गई थीं। उस दिन, वे हाथ में पर्याप्त धन लेकर खुश होकर वापस आए।

हंस दिन-ब-दिन बुढ़िया और उसकी बेटियों की मदद करता रहता। बेटियाँ चिड़िया के साथ खेलना पसंद करती थीं और बरसात और ठंड के दिनों में उसकी देखभाल करती थीं! जैसे-जैसे समय बीतता गया, बूढ़ी औरत और लालची होती गई! एक पंख उसकी मदद कैसे कर सकता है? “जब कल तक हंस आ जाए, तो हमें उसके सारे पंख तोड़ देने चाहिए!” उसने अपनी बेटियों को बताया। 

ऐसी बात सुनने पर, उन्होंने इसमें उसकी मदद करने से इनकार कर दिया। अगले दिन बुढ़िया ने हंस के आने का इंतजार किया। जैसे ही पक्षी आया, उसने अपने अगले हिस्से को पकड़ लिया और अपने पंखों को तोड़ना शुरू कर दिया। 

जैसे ही उसने उन्हें तोड़ा, पंख सफेद हो गए। बुढ़िया रो पड़ी और हंस को जाने दिया। इसपर हंस ने कहा की, “तुम लालची हो गए हो! जब तुमने मेरी इच्छा के बिना मेरे सुनहरे पंख तोड़ दिए, तो वे सफेद हो गए! 

इतना कहकर हंस गुस्से में वहाँ से उड़ गया फिर कभी नहीं दिखायी पड़ा!

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अत्यधिक लोभ से बहुत हानि होती है। दूसरों से चोरी न करना या स्वार्थ के लिए दूसरों की कामना न करना अच्छा है।

24. सर्कस के हाथियों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 10

बहुत दिनों पुरानी बात है। एक बहुत ही बड़ा सर्कस हुआ करता था। इस सर्कस में बहुत से जानवर कई प्रकार के करतब किया करते थे। 

वहीं यहाँ पर एक हाथियों का झुंड भी हुआ करता था जो की कई सारे करतब से लोगों का मनोरंजन करते थे। एक बार उस सर्कस में पांच हाथियों ने सर्कस के करतब किए। वहीं करतब के ख़त्म हो जाने के बाद उन्हें कमजोर रस्सी से बांधकर रखा जाता था, जिससे वे आसानी से बच सकते थे, लेकिन वो कभी भी नहीं गए। 

एक दिन सर्कस में जाने वाले एक व्यक्ति ने रिंगमास्टर से पूछा: “इन हाथियों ने रस्सी तोड़कर भाग क्यों नहीं लिया?” इस सवाल पर रिंगमास्टर ने उत्तर दिया की : “जब वे छोटे थे, तब इन हाथियों को पतले पतले रस्सी से बंधा जाता था, लेकिन वो छोटे होने के कारण से जितनी कोशिश करने पर भी उस रस्सी से छूट नहीं पाते थे।

धीरे धीरे उनकी कोशिश कम होती गयी और उन्होंने मन में ये मान लिया की वो इन रस्सियों को छुड़ाकर नहीं भाग सकते हैं। वहीं हाथियों को यह विश्वास दिलाया गया था कि वे रस्सियों को तोड़ने और भागने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं।” 

इसलिए जब वो बड़े हो जाते हैं तब उन्हें वही समान रस्सी से भी आसानी से बांध दिया जाता है। उन लोगों की इसी विश्वास की वजह से उन्होंने अब रस्सियों को तोड़ने की कोशिश तक नहीं की। लेकिन देखा जाए तो वो एक ही पल में इन सभी रस्सियों को आसानी से तोड़ सकते हैं, लेकिन वो ऐसा करते नहीं है।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमें समाज की मर्यादाओं के आगे नहीं झुकना चाहिए। वहीं हमें ये विश्वास करना चाहिए कि हम वो सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं!

25. सैतान बिल्ली और चूहों की कहानी : Short Hindi story

बहुत समय पहले की बात है, एक सैतान बिल्ली बहुत से चूहों को हमेशा परेशान किया करता था। ऐसे में सभी चूहों ने इस परेशानी का हल खोजने का सोचा। वहीं एक बार सभी चूहे अपने सबसे बड़े मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे हुए !

यह सैतान बिल्ली जो चूहों का पीछा कर रही है और उन्हें पकड़ कर खा रही है! “यह अराजकता है!” एक चूहे ने गुस्से से कहा।

“हमें एक समाधान खोजने की जरूरत है जो की हमें बिल्ली के आने की चेतावनी दे सके!” दूसरे ने कहा।

ऐसे में एक चिंतित चूहे ने कहा, “क्या हम थोड़ी जल्द यह तय कर सकते हैं इस परेशानी का समाधान, अन्यथा बिल्ली हमें यहाँ पर भी देख सकती है”। इस बात पर, एक बूढ़े चूहे ने अपना पंजा उठाया और कहा: “चलो एक त्वरित समाधान खोजें!”

चूहों ने जल्द ही विचारों पर चर्चा करना शुरू कर दिया। बहुत से चूहों ने अपने अलग अलग मत प्रदान किए। एक ने कहा “हमें चेतावनी देने के लिए हमारे पास एक प्रहरीदुर्ग होगा!”

वहीं दूसरे ने कहा, “बिल्ली द्वारा खाए जाने से बचने के लिए हम सभी को समूहों में जाना चाहिए!” तभी उन्ही के बीच में एक और चूहे ने सुझाव दिया की, “मेरे पास एक विचार है”, “चलो बिल्ली के गले में घंटी बांधते हैं!

तो जब बिल्ली आसपास टहलती है तब उसके गले में लगी घंटी भी आवाज करेगी, जिससे हमें उसके पास महजूद होने की चेतावनी मिल ज़ाया करेगी !” इस सुझाव से सभी चूहे सहमत हो गए।
यह सबसे अच्छा विचार था, ऐसे सभी चूहों ने एक सुर में कहा! “ठीक है! तो, बिल्ली को कौन घंटी बजाएगा?” बूढ़े चूहे से पूछा।

ऐसा पूछे जाने पर वहाँ सन्नाटा छा गया! जल्द ही, एक-एक करके सभी चूहे चुपचाप भाग गए। अंत में केवल बूढ़ा चूहा ही रह गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की समाधान देना या विचार रखना ठीक है लेकिन यह क्रिया ही होती है जो की हमारे उस समाधान या विचार को परिभाषित करती है।

26. मिडास का सुनहरा स्पर्श की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 2

बहुत समय पहले यूनान में मिदास नाम का एक राजा रहता था। वह अत्यंत धनी था और उसके पास वह सारा सोना था जिसकी उसे कभी आवश्यकता हो सकती थी। 

उनकी एक बेटी भी थी जिससे वह बहुत प्यार करते थे। एक दिन, मिडास ने एक देवदूत को देखा, जो की कहीं पर फंस गया था और मुसीबत में था। मिडास ने देवदूत की मदद की और बदले में उसकी इच्छा पूरी करने के लिए कहा। 

देवदूत इस बात पर सहमत हो गया उसने मिडास की मनोकामना भी पूरी कर दी। असल में मिडास चाहता था कि वह जो कुछ भी छूए वह सोने में बदल जाए। 

उसकी यह इच्छा को देवदूत ने पूरी कर दी थी। इससे मिडास मन ही मन काफ़ी खुश था। बेहद उत्साहित मिदास जब अपनी पत्नी और बेटी के पास लौट रहा था, तब वो  रास्ते में स्तिथ कंकड़, चट्टानों और पौधों को छूते हुए गया, जो सोने में बदल गया। 

इसे देखकर मिडास को पूरा यक़ीन हो गया था की उसके छूने मात्र से ही चीजें सोने में बदल जाती है। जब वो घर पहुँचा तब उसकी बेटी दौड़कर उसके पास चली आयी, वहीं जैसे ही उसकी बेटी ने उसे गले लगाया, वह एक सोने की मूर्ति में बदल गई। 

ऐसा होते ही मिडास को अपने भूल का एहसास हो गया। अपना सबक सीखने के बाद, मिडास ने देवदूत से उस मंत्र को उलटने की भीख माँगी जिसने यह दिया। वो चाहता था की सब कुछ अपनी मूल स्थिति में वापस चला जाए। उसे ऐसी कोई भी चीज़ नहीं चाहिए जो की उसे अपने परिवार से दूर रखे। लेकिन अब जो हो गया था उसे बदल नहीं जा सकता था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की आपके पास जो कुछ है उसके लिए संतुष्ट और आभारी रहें। लालच आपको कहीं नहीं ले जाएगा, बल्कि मुसीबत में ही धकेलेगा।

27. तीन मछलियों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 3

यह पंचतंत्र की उन लघु नैतिक कहानियों में से एक है, जो बच्चों को जीवन का एक आवश्यक पाठ पढ़ाती है।

एक छोटी सी नदी में तीन मछलियाँ रहती थी। प्रत्येक मछली एक अलग रंग की थी – लाल, नीली और पीली। फिर भी ये तीनों मछलियाँ एक दूसरे के साथ मिलझूल कर रहती थी। 

एक दिन, नीली मछली किनारे के पास तैर रही थी और उसने मछुआरों की बातें सुनीं। “एक मछुआरा  दूसरे से कह रहा था की, यह नदी में मछली पकड़ने का समय आ गया है। नदी की मछलियाँ यहाँ बहुत भोजन के लिए तैरती होंगी! चलो कल मछली पकड़ने चलते हैं!”

चिंतित नीली मछली अपने अन्य दो दोस्तों के लिए जितनी जल्दी हो सके तैर गई। उनके पास पहुँचकर उसने उन्हें कहा, “सुनो सुनो! मैंने अभी-अभी मछुआरों को बात करते हुए सुना है। वे कल इस नदी में मछली पकड़ने की योजना बना रहे हैं। हमें कल के लिए नदी की सुरक्षित रूप से तैरना चाहिए!” 

इस बात पर लाल मछली ने कहा, “ओह, यह सब ठीक है! वे मुझे पकड़ नहीं पाएंगे क्योंकि मैं उनके लिए बहुत जल्दी हूं।इसके अलावा, हमारे पास वह सब खाना है जो हमें यहाँ चाहिए!” 

लाल मछली की बात सुनकर, नीली मछली ने कहा, “लेकिन, हमें सिर्फ एक दिन के लिए यहाँ से कहीं सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिए!” अब नीली मछली की बातें सुनकर, पीली मछली ने कहा, “मैं नीली मछली से सहमत हूं। माना की यह हमारा यह घर है, लेकिन हमें ज़रूर से सुरक्षित रहने की जरूरत है!” 

इन दोनों मछलियों ने, अपने दोस्तों को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई उनकी बातों पर भरोशा नहीं किया। जैसे ही अगली सुबह हुई, मछुआरों ने अपना जाल डाला और जितनी हो सके उतनी मछलियाँ पकड़ लीं। इनमें से कुछ हरे थे, कुछ नारंगी थे, कुछ सफेद थे, कुछ बहुरंगी थे और उनमें से एक लाल मछली भी थी! 

इस बात पर मछुआरों ने आपस में बात की, “बेहतरिन पकड!” लंबे दिनों के बाद। दूर रे ये सभी चीजें दोनों दोस्त पीली मछली और नीली मछली देख रहे थे, उन्हें इस बात पर काफ़ी दुःख भी था की उनके दोस्त को “लाल मछली” को भी मछुआरों ने अपने जाल में पकड़ लिया था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जब कोई आपको किसी समस्या के बारे में चेतावनी देता है, तब ऐसे में उनकी बातों को समझदारी से सुनना और उसके ऊपर कार्य करना महत्वपूर्ण होता है। रोकथाम इलाज से बेहतर है!

28. कौवों की गिनती की कहानी : Akbar Birbal Short Stories in Hindi For Class 4

यह अकबर बीरबल की उन लघु नैतिक कहानियों में से एक है, जो बच्चों को जीवन का एक आवश्यक पाठ पढ़ाती है।

बात उस जमाने की है जब भारत में राजा अकबर राज किया करते थे। एक दिन अपने दरबारियों के साथ टहल रहे थे। महाराज अकबर ने कौवे को आकाश में उड़ते हुए देखा और पूछा: “क्या कोई मुझे बता सकता है कि राज्य में कितने कौवे हैं?” 

इस सवाल पर, सभी दरबारी हैरान हो गए ! “जहापना! राज्य में कौवे गिनना कैसे संभव है?” एक दरबारी को आश्चर्य हुआ। “यह असंभव है,” दूसरे ने कहा। वे सभी एक दूसरे को देखकर बड़बड़ाए और सिर हिलाया।वहीं पास में बीरबल खड़े थे, उन्हें देखकर अकबर से पूछा  “बीरबल, आपको क्या लगता है?” 

ऐसे पूछने पर, एक दरबारी ने मुस्कुराते हुए कहा  “बीरबल भी इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता।

वहीं उसकी बात को सहमति प्रदान करते हुए, दूसरे से कहा, मेरे भगवान,”! “हाँ, इसलिए वह चुप है!” बीरबल ने चुपचाप कहा, “हम्म … हम्म … हमारे राज्य, जहांपना में नब्बे-पांच हजार, चार सौ साठ-तीन कौवे होंगे।” “यह ऐसे कैसे संभव है?” सभी दरबारियों से पूछा।

अकबर भी हैरान थे, इस जवाब को सुनकर। फिर उन्होंने बीरबल से पूछा, “आप कितने निश्चित हैं, अपने इस जवाब को लेकर, बीरबल?” 

इसपर बीरबल जी ने उत्तर दिया, “मुझे पूरा यकीन है अपने इस जवाब पर! आइए किसी को राज्य में कौवे की संख्या गिनने के लिए भेजें, महामहिम! उन्होंने कहा। बीरबल की इस उत्तर पर दरबारी से पूछा, “हम्म.. अगर कौवे की संख्या कम हो तो क्या होगा?”

“तो, इसका मतलब है कि कौवे पड़ोसी राज्यों में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं!” बीरबल ने उस दरबारी को उत्तर दिया। फिर दूसरे दरबारी से पूछा “लेकिन, अगर आपकी गिनती से ज्यादा कौवे हों तो क्या होगा?”। “ओह, इसका मतलब है कि पड़ोसी राज्यों के कौवे अपने रिश्तेदारों से मिलने आए हैं,” बीरबल ने कहा

इस तरह के हाज़िर जवाब पर महाराज अकबर के मुख पर एक ज़ोर से हँसी फूट पड़ी। उन्हें अब पक्का यक़ीन हो गया था की बीरबल का दिमाग़ सच में बहुत तेज है।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की यदि हम चाहें तो हमेशा किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ सकते हैं। जहां चाह, वहां राह।

29. हाथी और कुत्ता की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 5

एक दिन की बात है, राजा का शाही हाथी घास के टीले के पास चर रहा था, तभी उसे एक भूखी आवाज़ सुनाई दी।

ये आवाज़ असल में एक कुत्ता था जो महावत की थाली से बचा हुआ खाना खा रहा था। वहाँ पर हाथी का रखवाला महजूद नहीं था। चूंकि शाही हाथी हर दिन अकेले ही उस टीले में चरता था, इसलिए उसे कुत्ते के खाने या झपकी लेने से कोई फर्क नहीं पड़ा।

जल्द ही, वे दोनों अच्छे दोस्त बन गए और खेलने लगे। इस बात पर, महावत को भी किसी बात की ऐतराज नहीं थी। एक दिन पास से गुजर रहे एक किसान ने कुत्ते को देखा और महावत से पूछा कि क्या वह कुत्ते को ले जा सकता है। 

चूँकि वो कुत्ता महावत का नहीं था, इसलिए महावत ने तुरंत हामी भर दी और कुत्ते को उस किसान को  दे दिया। अब अपने दोस्त को नॉ पाकर, जल्द ही, शाही हाथी ने खाना, पानी पीना या हिलना-डुलना भी बंद कर दिया। यह अपने टीले से बाहर नहीं निकला।

ऐसे ही एक दिन राजा अपने हाथी से मिलने आया और उसने देखा की उसका साही हाथी, बिलकुल बीमार मालूम पड़ रहा है, न वो खाता है न ही कुछ करता है। बस चुप चाप से एक जगह में पड़ा रहता है। 

ऐसा देखकर, राजा ने अपने हाथी की जाँच करने के लिए शाही चिकित्सक को बुलाया। शाही डॉक्टर ने हाथी की जांच की और कहा: “महाराज, शाही हाथी शारीरिक रूप से ठीक है, लेकिन ऐसा लगता है जैसे उसने एक दोस्त खो दिया है!” 

राजा ने तुरंत महावत को बुलवाया और उससे पहले के घटनाओं के बारे में सवाल पूछे। इस सवाल पर, महावत ने उत्तर दिया, की “ओह, एक कुत्ता था जो यहाँ हुआ करता था। मैंने उसे एक किसान को दे दिया!” महावत ने जवाब दिया। 

राजा ने तुरंत अपने एक रक्षक को महावत के साथ कुत्ते को वापस लाने के लिए भेजा। जैसे ही कुत्ते को टीले में लाया गया, हाथी अपने नन्हे दोस्त को देखने बैठ गया और खुशी से उछल पड़ा। उस दिन से हाथी और कुत्ता और भी ज़्यादा घने मित्र बन गए। उन दोनों की दोस्ती भी ज़्यादा गहरी हो गयी।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दोस्त सभी आकारों में आते हैं। जब आप बिना शर्त दोस्ती बनाते हैं, तो यह हमेशा के लिए रहता है।

30. गौरिया, चूहे और एक शिकारी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 6

बहुत दिनों की बात है, एक बार एक जंगल में गौरैयों का झुण्ड भोजन की तलाश में उड़ रहा था। तभी उनकी नजर पास के एक अनाज से भरे खेत पर पड़ी।

जल्द ही, वो सभी गौरैयों ने खाने के लिए नीचे उड़ गए और फिर पेट भरकर भोजन किया। जैसे ही वो सभी उड़ने के लिए ऊपर उठे, उन्होंने महसूस किया कि यह एक जाल था। उनके पैर एक शिकारी द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए थे।

जब वे अपने आप को मुक्त करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन्होंने देखा कि वो शिकारी धीरे-धीरे उनकी ओर चला आ रहा था। गौरैयों के नेता ने कहा: “रुको, संघर्ष मत करो! बस मेरी बात सुनो। चलो एक साथ उड़ते हैं और मैं हमें अपने दोस्त, चूहे के पास ले जाऊँगा। वो हमें इस जाल से ज़रूर आज़ाद करवा देगा।”

जैसे ही शिकारी चिल्लाया, गौरैयों ने एक साथ जाल को पकड़कर आकाश में उड़ गईं।

वे जंगल की ओर उड़ गए जहाँ एक छोटा चूहा रहता था। अब गौरैयों के नेता ने कहा, “उस पेड़ के तरफ़ उड़ो, वहाँ पर मेरा एक नन्हा दोस्त रहता है”। पेड़ के पास पहुँचकर, सभी गौरैयों ने एक साथ पुकारा, “छोटा चूहा, छोटा चूहा, कृपया हमारी मदद करें!” छोटा चूहा तुरंत जाल को चबाने लगा और जल्द ही सभी गौरैयों को मुक्त भी कर दिया।

ऐसा करने पर, गौरैयों के नेता ने अपने चूहे दोस्त को कहा, “धन्यवाद प्रिय मित्र! तुमने आज हम सभी को बचाया। इसलिए में सभी गौरैयों के तरफ़ से तुम्हारा शुक्रगुज़ार हूँ। अन्य गौरैयों ने भी नन्हे चूहे को धनयवाद कहा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमें हमेशा कठिनाई का सामना करना चाहिए और आशा नहीं खोना चाहिए। याद रखें की, एकता में ही बल है!

31. गाने वाले गधे की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 7

बहुत दिन पहले की बात है, पास के जंगल में एक भूखा गधा उदास रो रहा था। दिन भर के काम के बाद, उसके मालिक ने उसे ठीक से नहीं खिलाया था, इस कारण से वो उदास रो रहा था। 

पास से ही, एक गीदड़ वहाँ से गुजर रहा था और उसने भूखे गधे को देखा। “क्या हुआ, गधा?” उसने पूछा। “मुझे बहुत ज़ोरों से भूख लग रही है और मैंने यहाँ सब चर चुका हूँ, फिर भी मैं अभी भी भूखा हूँ!” गधा रोया। 

गधे की दुःख भरी बात सुनकर सियार ने कहा, “ओह, तुम जानते हो कि पास में एक बड़ा वनस्पति बगीचे है। तुम वहाँ जा सकते हो और भर पेट खाना खा सकते हो!” 

“कृपया मुझे वहाँ ले चलो!” गधे ने कहा। ऐसा सुनकर गीदड़ ने गधे को उस बगीचे तक ले चला।  एक बार सब्जी के बगीचे में वो लोग पहुँच गए, फिर वे चुपचाप ताजी सब्जियां चबाते हैं। तभी उनके पास में किसी के आने की आवाज़ सुनायी पड़ी। आवाज़ सुनकर वो दोनों भाग जाते हैं। 

अब से दोनों ही जानवर हर दिन सब्जी के बगीचे में जाते थे और भर पेट खाना खाते थे। लेकिन एक दिन उनकी क़िस्मत ख़राब थी, उन्हें एक किसान ने देख लिया और उन्हें भगा दिया। 

उस दिन दोनों जानवर भूखे थे। जैसे ही रात हुई, गीदड़ ने सुझाव दिया कि वे वापस सब्जी के बगीचे में चले जाएँ, ताकि उन्हें फिर से भर पेट खाने को मिले। 

रात होने पर, गधा और गीदड़ चुपचाप बगीचे में घुस गए और फिर भर पेट खाने लगे। खाते वक्त, गधे के मन में कुछ सूझा और उसने कहाँ, “ओह, इतने स्वादिष्ट खीरे और चाँद को देखो! यह इतना सुंदर है कि मैं एक गाना गाना चाहता हूं”। 

ऐसा सुनते ही गीदड़ ने कहा, “अभी नहीं! तुम यहाँ से नहीं गा सकते!” “लेकिन, मैं चाहता हूँ,” गधे ने गुस्से में कहा। गीदड़ ने उसे समझाने की कोशिश करी और कहाँ की, “किसान उसकी बात सुनेगा, उनके पकड़े जाने का डर भी है। जब गधे ने उसकी बात नहीं मानी तब वो वहाँ से चला गया। 

गधे ने आह भरी और गाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही दूर पर किसान और उसके परिवार ने एक गधे के रेंकने की आवाज सुनी। वे लाठी लेकर गधे की ओर दौड़े।

गधे को पीटकर जल्द ही बगीचे से बाहर खदेड़ दिया गया। “ओउ-ओउ-ओउ!” गधे को रेंकते हुए वह वापस चला गया। वो वापस गीदड़ के पास आ गया, और उस घटना का वर्णन किया।  

उसकी बात सुनकर, गीदड़ ने कहा “तुम्हें तब तक इंतजार करना चाहिए था जब तक हम गाने के लिए बगीचे से बाहर नहीं आ गए! लेकिन तुमने मेरी बात बिलकुल भी नहीं सुनी। जिससे आगे चलकर तुम्हें मार भी खानी पड़ी। चलो, तुम्हें आराम करने की जरूरत है! 

आगे से ऐसी गलती कभी भी मत करना, ऐसा कहने के बाद गीदड़ वहाँ से चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की कोई भी चीज़ करने का एक उचित समय और स्थान होता है, आपको चीजों को करने के लिए हमेशा समय और स्थान का ध्यान रखना चाहिए।

32. टोपी बेचने वाला और बंदरों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 8

बहुत दिनों पहले की बात है। पास के एक गाँव में एक टोपी बेचने वाला रहता था। वो पास के गाँव में जाकर टोपी बेचता था। एक बार की बात है, पास के गाँव में कुछ दिन बेचने के बाद, टोपी बेचने वाला अपने गाँव वापस जा रहा था।

वह अपने साथ बहुत सारी टोपियां ले जा रहा था। खड़े रहने और कम सोने से वजह से वह काफ़ी थक गया था। उसने सोचा की क्यूँ ना थोड़ी देर किसी पेड़ के नीचे आराम कर लूँ। उसे सोने के लिए एक बड़ा पेड़ मिला। उसने उस पेड़ को देखकर सोचा की क्यूँ ना इस पेड़ के नीचे थोड़ा आराम किया जाए। मन ही मन उसने सोचा, “ओह, मैं अभी थोड़ी देर सोऊंगा और गाँव पहुँचने के लिए तेज़ी से चलूँगा!”

जल्द ही, टोपी बेचने वाला गहरी नींद में सो गया। घंटों इस तरह से सोने के बाद, वह चौंक कर उठा। वह उठा और देखा कि एक को छोड़कर उसकी सभी टोपियां गायब हैं। “मेरी टोपी! मेरी टोपी! उन्हें कौन ले जा सकता था?” वह जोर से चिल्लाया।

तभी उसे पेड़ के ऊपर से किसी के चटकारे लेने की आवाज सुनाई दी! “आह, वे बंदर!” वह रोया। उसे अब लगा की वो शायद ही इन टोपियों को उन बंदरों से वापस ला पाए।
अब वो मन ही मन उन टोपियों को वापस लाने की योजना बनाने लगा। जैसा कि उसने सोचा कि वह क्या कर सकता है, उसे एक विचार आया!

उसने जमीन से टोपी उठाई और पहन ली। उसे देख रहे बंदरों ने भी टोपियां पहन लीं! उसने अपनी टोपी उतार कर जमीन पर पटक दी। उसकी इस हरकत को देखकर सब बन्दरों ने भी अपने सर से टोपी हटा दी और टोपियाँ भी नीचे फेंक दीं ! टोपीवाले ने झट से सारी टोपियाँ उठा लीं और तेजी से अपने गाँव की ओर चल दिया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमेशा अपने कार्यों को बुद्धिमानी से चुनें, इससे आप विषम परिस्तिथि से भी आसानी से बाहर आ सकते हैं।

33. चींटियाँ और टिड्डे की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 9

बहुत दिनों पुरानी बात है, एक जंगल में चींटियाँ और एक टिड्डा रहा करते थे। एक बार की बात है, जैसे ही पतझड़ का मौसम समाप्त होने वाला था, चींटियों का एक परिवार भोजन, लाठी और सूखे पत्ते इकट्ठा करने में व्यस्त था।

टिड्डा दूर से देख रहा था की चींटियाँ अपने काम में बहुत ही व्यस्त नज़र आ रही थी। वहीं वो पास में धूप सेक रहा था। उसके मन में एक विचार आया और वो टिड्डा वहाँ चला गया और उसने चींटियों से पूछा: “इतने अच्छे दिन पर तुम क्या कर रही हो!”

इसपर एक चींटी ने जवाब दिया, “हम ठंड के लिए तैयार हो रहे हैं। आपको कुछ खाना भी स्टोर करना चाहिए! चींटी की बात सुनकर, टिड्डा हँसा और वहाँ से चला गया।
वह सूरज और तितलियों के पीछे भागने लगा। जैसे-जैसे चींटियाँ चरती रहीं, वैसे-वैसे दिन बीतते गए, जबकि टिड्डे ने सुस्ती में ऐसे ही दिन बिताए!

एक सुबह, टिड्डा एक ठंडी सुबह के लिए उठा और जमीन बर्फ से ढकी हुई थी। कीट भोजन की तलाश में उछल पड़ा और उसे कुछ नहीं मिला। उसे भूखे से उस दिन अपना पेट गुज़ारना पड़ा। अब उसे अपने गलती का ऐहसास हुआ, और वो सोचने लगा की चींटियाँ सही थीं!

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की समय किसी का भी इंतज़ार नहीं करता है, हमें समय रहते ही उस समय में मौके का फायदा उठाना चाहिए। अपने भविष्य की तैयारी के लिए वर्तमान के समय से कोई सही समय नहीं है!

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1. Moral Stories in Hindi – खुनी झील

एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया।

उसकी मुलाकात जंगल में जग्गू बन्दर से हुई। जग्गू बन्दर ने चुन्नू हिरण को जंगल के बारे में सब बताया लेकिन उस झील के बारे में बताना भूल गया। जग्गू बन्दर ने दूसरे दिन चुन्नू हिरण को जंगल के सभी जानवरों से मिलाया।

जंगल में चुन्नू हिरण का सबसे अच्छा दोस्त एक चीकू खरगोश बन गया। चुन्नू हिरण को जब ही प्यास लगती थी तो वह उस झील में पानी पिने जाता था। वह शाम को भी उसमें पानी पिने जाता था।

एक शाम को वह उस झील में पानी पिने गया तो उसने उसमें बड़ी तेज़ी से अपनी और आता हुआ एक मगरमच्छ देख लिया। जिसे देखकर वह बड़ी तेज़ी से जंगल की तरफ भागने लगा। रास्ते में उसको जग्गू बन्दर मिल गया।

जग्गू ने चुन्नू हिरण से इतनी तेज़ भागने का कारण पूछा। चुन्नू हिरण ने उसको सारी बात बताई। जग्गू बन्दर ने कहा की मै तुमको बताना भूल गया था की वह एक खुनी झील है। जिसमे जो भी शाम के बाद जाता है वह वापिस नहीं आता।

लेकिन उस झील में मगरमच्छ क्या कर रहा है। उसे तो हमनें कभी नहीं देखा। इसका मतलब वह मगरमच्छ ही सभी जानवरों को खाता है जो भी शाम के बाद उस झील में पानी पिने जाता है।

अगले दिन जग्गू बन्दर जंगल के सभी जानवरों को ले जाकर उस झील में गया। मगरमच्छ सभी जानवरों को आता देखकर छुप गया। लेकिन मगरमच्छ की पीठ अभी भी पानी से ऊपर दिखाई दे रही थी।

सभी जानवरों ने कहा की यह पानी के बाहर जो चीज़ दिखाई दे रही है वह मगरमच्छ है। यह सुनकर मगरमच्छ कुछ नहीं बोला। चीकू खरगोश ने दिमाग लगाया और बोला नहीं यह तो पत्थर है। लेकिन हम तभी मानेंगे जब यह खुद बताएंगा।

यह सुनकर मगरमच्छ बोला की मै एक पत्थर हूँ। इससे सभी जानवरों को पता लग गया की यह एक मगरमच्छ है। चीकू खरगोश ने मगरमच्छ को कहा की तुम इतना भी नहीं जानते की पत्थर बोला नहीं करते। इसके बाद सभी जानवरों ने मिलकर उस मगरमच्छ को उस झील से भगा दिया और खुशी खुशी रहने लगे।

Moral of the story

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की यदि हम किसी भी मुसीबत का सामना बिना घबराये मिलकर करते है तो उससे छुटकारा पा सकते है।

2. Moral Stories in Hindi – डरपोक पत्थर

बहुत पहले की बात है एक शिल्पकार मूर्ति बनाने के लिए जंगल में पत्थर ढूंढने गया। वहाँ उसको एक बहुत ही अच्छा पत्थर मिल गया। जिसको देखकर वह बहुत खुश हुआ और कहा यह मूर्ति बनाने के लिए बहुत ही सही है।

जब वह आ रहा था तो उसको एक और पत्थर मिला उसने उस पत्थर को भी अपने साथ ले लिया। घर जाकर उसने पत्थर को उठा कर अपने औजारों से उस पर कारीगरी करनी शुरू कर दिया।

औजारों की चोट जब पत्थर पर हुई तो वह पत्थर बोलने लगा की मुझको छोड़ दो इससे मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अगर तुम मुझ पर चोट करोगे तो मै बिखर कर अलग हो जाऊंगा। तुम किसी और पत्थर पर मूर्ति बना लो।

पत्थर की बात सुनकर शिल्पकार को दया आ गयी। उसने पत्थर को छोड़ दिया और दूसरे पत्थर को लेकर मूर्ति बनाने लगा। वह पत्थर कुछ नहीं बोला। कुछ समय में शिल्पकार ने उस पत्थर से बहुत अच्छी भगवान की मूर्ति बना दी।

गांव के लोग मूर्ति बनने के बाद उसको लेने आये। उनने सोचा की हमें नारियल फोड़ने के लिए एक और पत्थर की जरुरत होगी। उन्होंने वहाँ रखे पहले पत्थर को भी अपने साथ ले लिया। मूर्ति को ले जाकर उन्होंने मंदिर में सजा दिया और उसके सामने उसी पत्थर को रख दिया।

अब जब भी कोई व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने आता तो मूर्ति को फूलों से पूजा करता, दूध से स्नान कराता और उस पत्थर पर नारियल फोड़ता था। जब लोग उस पत्थर पर नारियल फोड़ते तो बहुत परेशान होता।

उसको दर्द होता और वह चिल्लाता लेकिन कोई उसकी सुनने वाला नहीं था । उस पत्थर ने मूर्ति बने पत्थर से बात करी और कहा की तुम तो बड़े मजे से हो लोग तो तुम्हारी पूजा करते है। तुमको दूध से स्नान कराते है और लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाते है।

लेकिन मेरी तो किस्मत ही ख़राब है मुझ पर लोग नारियल फोड़ कर जाते है। इस पर मूर्ति बने पत्थर ने कहा की जब शिल्पकार तुम पर कारीगरी कर रहा था यदि तुम उस समय उसको नहीं रोकते तो आज मेरी जगह तुम होते।

लेकिन तुमने आसान रास्ता चुना इसलिए अभी तुम दुःख उठा रहे हो। उस पत्थर को मूर्ति बने पत्थर की बात समझ आ गयी थी। उसने कहा की अब से मै भी कोई शिकायत नहीं करूँगा। इसके बाद लोग आकर उस पर नारियल फोड़ते।

नारियल टूटने से उस पर भी नारियल का पानी गिरता और अब लोग मूर्ति को प्रसाद का भोग लगाकर उस पत्थर पर रखने लगे।

Moral of the Story

सीख: हमें कभी भी कठिन परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए।

3. Moral Stories in Hindi – खजाने की खोज

एक गांव में एक रामलाल नाम का एक किसान अपनी पत्नी और चार लड़को के साथ रहता था। रामलाल खेतों में मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालता था। लेकिन उसके चारो लड़के आलसी थे।

जो गांव में वैसे ही इधर उधर घूमते रहते थे। एक दिन रामलाल ने अपनी पत्नी से कहा की अभी तो मै खेतों में काम कर रहा हूँ। लेकिन मेरे बाद इन लड़को का क्या होगा। इन्होने तो कभी मेहनत भी नहीं करी। ये तो कभी खेत में भी नहीं गए।

रामलाल की पत्नी ने कहा की धीरे धीरे ये भी काम करने लगेंगे। समय बीतता गया और रामलाल के लड़के कोई काम नहीं करते थे। एक बार रामलाल बहुत बीमार पड़ गया। वह काफी दिनों तक बीमार ही रहा।

उसने अपनी पत्नी को कहा की वह चारों लड़को को बुला कर लाये। उसकी पत्नी चारों लड़को को बुलाकर लायी। रामलाल ने कहा लगता है की अब मै ज्यादा दिनों तक जिन्दा नहीं रहूँगा। रामलाल को चिंता थी की उसके जाने के बाद उसके बेटों का क्या होगा।

इसलिए उसने कहा बेटों मैने अपने जीवन में जो भी कुछ कमाया है वह खजाना अपने खेतों के निचे दबा रखा है। मेरे बाद तुम उसमे से खजाना निकालकर आपस में बाँट लेना। यह बात सुनकर चारों लड़के खुश हो गए।

कुछ समय बाद रामलाल की मृत्यु हो गयी। रामलाल की मृत्यु के कुछ दिनों बाद उसके लड़के खेत में दबा खजाना निकालने गए। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक सारा खेत खोद दिया। लेकिन उनको कोई भी खजाना नज़र नहीं आया।

लड़के घर आकर अपनी माँ से बोले माँ पिताजी ने हमसे झूठ बोला था। उस खेत में हमें कोई खजाना नहीं मिला। उसकी माँ ने बताया की तुम्हारे पिताजी ने जीवन में यही घर और खेत ही कमाया है। लेकिन अब तुमने खेत खोद ही दिया है तो उसमे बीज बो दो।

इसके बाद लड़को ने बीज बोये और माँ के कहेनुसार उसमे पानी देते गए। कुछ समय बाद फसल पक कर तैयार हो गयी। जिसको बेचकर लड़कों को अच्छा मुनाफा हुआ। जिसे लेकर वह अपनी माँ के पास पहुंचे। माँ ने कहा की तुम्हारी मेहनत ही असली खजाना है यही तुम्हारे पिताजी तुमको समझाना चाहते थे।

Moral of the Story

सीख: हमें आलस्य को त्यागकर मेहनत करना चाहिए। मेहनत ही इंसान की असली दौलत है।

4. Moral Stories in Hindi – मेहनत का फल

एक गांव में दो मित्र नकुल और सोहन रहते थे। नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था। जबकि सोहन बहुत मेहनती थी। एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी। जिससे वह बहुत फ़सल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे।

सोहन तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर में जाकर भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करता था। इसी तरह समय बीतता गया। कुछ समय बाद खेत की फसल पक कर तैयार हो गयी।

जिसको दोनों ने बाजार ले जाकर बेच दिया और उनको अच्छा पैसा मिला। घर आकर सोहन ने नकुल को कहा की इस धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलेगा क्योंकि मैंने खेत में ज्यादा मेहनत की है।

यह बात सुनकर नकुल बोला नहीं धन का तुमसे ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना चाहिए क्योकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की तभी हमको अच्छी फ़सल हुई। भगवान के बिना कुछ संभव नहीं है। जब वह दोनों इस बात को आपस में नहीं सुलझा सके तो धन के बॅटवारे के लिए दोनों गांव के मुखिया के पास पहुंचे।

मुखिया ने दोनों की सारी बात सुनकर उन दोनों को एक – एक बोरा चावल का दिया जिसमें कंकड़ मिले हुए थे। मुखिया ने कहा की कल सुबह तक तुम दोनों को इसमें से चावल और कंकड़ अलग करके लाने है तब में निर्णय करूँगा की इस धन का ज्यादा हिस्सा किसको मिलना चाहिए।

दोनों चावल की बोरी लेकर अपने घर चले गए। सोहन ने रात भर  जागकर चावल और कंकड़ को अलग किया। लेकिन नकुल चावल की बोरी को लेकर मंदिर में गया और भगवान से चावल में से कंकड़ अलग करने की प्रार्थना की।

अगले दिन सुबह सोहन जितने चावल और कंकड़ अलग कर सका उसको ले जाकर मुखिया के पास गया। जिसे देखकर मुखिया खुश हुआ। नकुल वैसी की वैसी बोरी को ले जाकर मुखिया के पास गया।

मुखिया ने नकुल को कहा की दिखाओ तुमने कितने चावल साफ़ किये है। नकुल ने कहा की मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है की सारे चावल साफ़ हो गए होंगे। जब बोरी को खोला गया तो चावल और कंकड़ वैसे के वैसे ही थे।

जमींदार ने नकुल को कहा की भगवान भी तभी सहायता करते है जब तुम मेहनत करते हो। जमींदार ने धन का ज्यादा हिस्सा सोहन को दिया। इसके बाद नकुल भी सोहन की तरह खेत में मेहनत करने लगा और अबकी बार उनकी फ़सल पहले से भी अच्छी हुई।

Moral of the story:

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए।

5. Moral stories in Hindi – सच्चे साथी

एक बार की बात है राधा नाम की एक लड़की अपने पिता के साथ रहती थी। उसकी माँ बचपन में ही गुजर गयी थी। वह अपने घर का काम करती फिर कॉलेज जाती थी। कॉलेज जाते समय वह रोज़ रास्ते में एक जगह पक्षियों को दाना डालती थी।

उसके घर में भी 2 पक्षी थे उनको भी वह रोज़ दाना डालती थी। एक दिन उसको पक्षियों को दाना डालते जमींदार के बेटे ने देख लिया। उसने अपने पिता से जाकर राधा से शादी करने की इच्छा जताई।

जमींदार ने राधा के पिता से बात करके अपने बेटे की शादी राधा से करा दी। राधा अपने साथ घर के पिंजरे के 2 पक्षी भी लेकर ससुराल आ गयी। वह उन पक्षियों को रोज़ दाना डालती थी। राधा की सास को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था।

वह उन पक्षियों को परेशान करती थी। वह उनका दाना पानी जमीन में फेंक देती थी। एक दिन राधा की सास ने पक्षियों का पिंजरा ही जमीन पर फेंक दिया। उसे यह करते हुए राधा ने देख लिया।

राधा ने मना किया तो उसकी सास ने राधा को ही डॉट दिया। इन सब बातों से राधा परेशान रहने लगी। एक दिन राधा के पति ने परेशानी का कारण पूछा तो उसने सारी बात बता दी। उसके पति ने राधा को पक्षियों की भलाई के लिए उनको पार्क में छोड़ने की सलाह दी। अपने पति के कहने पर राधा ने उन दोनों पक्षियों को बाकि के पक्षियों के साथ पार्क में ही छोड़ दिया।

वह उनको कभी कभी दाना देने पार्क में जाती थी। अब सभी पार्क के पक्षी राधा के अच्छे मित्र बन गए थे। पक्षी अब राधा के घर पर भी आने लगे। राधा की सास को जब यह पता लगा तो वह गुस्सा हुई। वह राधा को उसके मायके छोड़ने के लिए उसको साथ लेकर गयी।

रास्ते में कुछ चोरों ने राधा की सास के गहने चुराने की कोशिश की। तभी राधा के पक्षियों ने आकर चोरों पर हमला किया। जिससे चोर भाग गए। इसके बाद राधा और उसकी सास घर ही लौट आये।

अब राधा की सास की सोच पक्षियों के प्रति बदल चुकी थी। उसने राधा से कहा की अब हम दोनों चिड़ियाँ को दाना देने चला करेंगे और पहले के दो पक्षियों को घर वापिस लेकर आएंगे। यह बात सुनकर राधा बहुत खुश हुई।

Moral of the story

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें जानवरों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

6. Moral stories in Hindi – घर आये मेहमान

राहुल अपनी पत्नी सीमा और अपनी माँ के साथ रहता था। गर्मियों की छुट्टी में राहुल की बुआ, फूफा अपने लड़के सोनू के साथ उनके घर रहने आये। घर आते ही फूफा जी राहुल से बोले की यहाँ तो बहुत गर्मी है।

घर में कोई AC नहीं है क्या? राहुल की माँ ने बोला भाईसाहब अभी कुछ दिन पहले ही राहुल ने अपने कमरे में AC लगवाया है। यह सुनते ही फूफा जी अपने बेटे से बोले की सारा सामान राहुल के कमरे में ले गए। राहुल और उसकी पत्नी सीमा चुप रहे क्योंकि उनने सोचा की कुछ दिनों की तो बात है।

इस तरह बुआ, फूफा जी को राहुल के घर रहते 1 महीना हो गया। राहुल ने अपनी माँ से पूछा की बुआ जी कब जाने वाली है। हम कब तक ऐसे ही हॉल में सोकर अपना गुजारा करेंगे। राहुल की माँ बोली बेटा रिश्तेदारी का मामला है। हम कुछ कह भी तो नहीं सकते। राहुल की पत्नी सीमा बोली वह सब तो ठीक है लेकिन उनका छोटा लड़का सोनू सारा दिन घर में उधम करता रहता है।

कल तो उसने हमारा नया सोफा बुरी तरह फाड़ डाला। राहुल इस बात पर बहुत गुस्सा हुआ की नया सोफ़ा फाड़ दिया। वह अपनी पत्नी से बोला तुम सोनू को ऐसा करने से रोकती क्यों नहीं। सीमा बोली जब से बुआ, फूफा जी आये है। कुछ कुछ खाने की डिमांड करते है। जिससे मेरा और माँ जी का सारा दिन तो रसोई में ही बीत जाता है।

राहुल ने कहा की मै अभी जाकर फूफा जी से पूछता हूँ की वह आखिर कब जायेंगे। राहुल ने बातों बातों में फूफा जी से कहा की 1 महीना हो गया है। आपके जॉब की छुट्टियाँ तो खत्म हो गयी होंगी न।

फूफा जी बोले राहुल मैंने जॉब तो कब की छोड़ दी। अब तो मै बिज़नेस करता हूँ और अब मै इस शहर में भी कुछ बिज़नेस खोलने की सोच रहा हूँ। पहले इस शहर को अच्छे से समझ लूँ जिसमे 2-3 महीने तो लग ही जायेंगे।

यह सुनकर राहुल समझ गया की फूफा जी अभी जाने वाले नहीं है । उसने यह बात अपनी पत्नी और माँ को बताई। सीमा बोली जब घी सीधी ऊँगली से नहीं निकलता तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है।

इनके साथ भी कुछ ऐसा ही करना होगा। आप यह काम अब मुझ पर छोड़ दीजिये। उसी रात बुआ और फूफा जी छत पर थे। तभी उनका लड़का सोनू चिल्लाता हुआ उनके पास गया और बोला की मैंने अभी एक चुड़ैल को देखा है।

तभी एक चुड़ैल वहाँ आ गयी और बुआ और फूफा जी को बोली की तुम में से कौन पहले मेरा भोजन बनना चाहेगा। चुड़ैल को देखकर वह बहुत डर गए और उस घर से भाग गए। उनके जाने के बाद सीमा ने अपना चुड़ैल का मुखौटा उतारा।

बुआ के परिवार के जाने के बाद सबने चैन की सास ली। सीमा की सास ने सीमा से कहा की तू तो बड़ी अच्छी चुड़ैल बनती है। यह कहकर सब हॅसने लगे।

Moral of the Story

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें किसी भी रिश्ते का ग़लत फायदा नहीं उठाना चाहिए। जिस तरह बुआ के परिवार ने अपनी रिश्तेदारी का ग़लत फायदा उठाया और दूसरों को परेशान किया।

7. Moral Stories in Hindi for Kids- सोने का अंडा

बहुत पहले की बात है एक गांव में अली नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसके माँ बाप बचपन में ही गुजर चुके थे। वह खेतों में काम करके अपना गुजारा बड़ी मुश्किल से करता था। उसके पास एक मुर्गी थी। जो उसको रोज़ एक अंडा देती थी।

जब उसके पास कभी खाने के लिए कुछ नहीं होता तो वह रात को अपनी मुर्गी का अंडा खा कर ही सो जाता था। उसके पड़ोस में एक बासा नाम का एक व्यक्ति रहता था। जो की सही व्यक्ति नहीं था।

जब उसने देखा की अली अपना गुजारा सही से कर रहा है तो उसने एक दिन अली की मुर्गी चुरा ली। जब अली घर पर नहीं था। इसके बाद बासा मुर्गी को मार कर पका कर खा गया। जब अली घर आया और उसने घर पर मुर्गी को नहीं देखा तो इधर उधर अपनी मुर्गी को ढूंढने लगा।

उसने मुर्गी के कुछ पंख बासा के घर के बाहर देखे। उसने बासा से बात की तो बासा ने कहा की उसकी बिल्ली एक मुर्गी को पकड़ कर लायी थी। मैंने उसको पका कर खा लिया। मुझे क्या पता था वह तुम्हारी मुर्गी है।

अली ने बासा से कहा की वह इसकी शिकायत न्यायाधिकारी से करेगा। यह बात सुनकर बासा ने मुर्गी की जगह अली को एक छोटा बत्तख दिया। अली ने उस बत्तख को पाला जिससे कुछ दिनों बाद वह बत्तख बड़ा हो गया और अंडा देने लगा।

एक रात को जब बहुत बारिश आ रही थी। एक साधू भीगता हुआ रहने की जगह मांगने के लिए बासा के घर पहुंचा। लेकिन बासा ने उसको मना कर दिया। इसके बाद वह अली के घर गया। अली ने उसको रहने के लिए जगह दी और खाना भी खिलाया।

अगली सुबह वह अली के घर से जाने लगा लेकिन जाते हुए उसने अली के बत्तख के सिर पर हाथ फेरा। इसके बाद जब बत्तख ने अंडा दिया तो वह सोने का था। अली यह देखकर बहुत खुश हुआ।

अब बतख़ जब भी अंडा देता तो वह सोने का होता था। सोने के अंडे को बेचकर अली की सारी गरीबी दूर हो गयी। लेकिन फिर भी वह साधारण जिंदगी ही जीता था। एक दिन बासा ने बत्तख को सोने का अंडा देते हुए देख लिया और वह न्यायाधिकारी के पास गया।

वह न्यायाधिकारी से बोला की अली ने कल मेरा बतख चुरा लिया है। जब न्याय अधिकारी ने अली से पूछा तो उसने सारी बात बताई की किस तरह बासा ने ही उसको बत्तख दिया था। न्यायाधिकारी ने कहा की मै कल इसका फैसला करूँगा की बत्तख किसको मिलेगा।

बत्तख ने रोज़ की तरह न्यायाधिकारी के पास भी सोने का अंडा दिया। अगले दिन न्यायाधिकारी ने दोनों को सामान्य अंडा दिखाया और कहा की यह कल तुम्हारे बत्तख ने दिया है। अलग पूछने पर अली ने न्यायाधिकारी को सच बताया की उसकी बतख सोने का अंडा देती थी।

जबकि बासा ने कहा की उसकी बत्तख सामान्य अंडा देती है। न्यायाधिकारी ने एक नया बतख लेकर बासा को दे दिया। और अली को सोने का अंडा देने वाली बतख दी। अली दोबारा सोने का अंडा देने वाली बत्तख पा कर खुश हुआ।

Moral of the story

सीख: हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए और दूसरों को देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।

8. Moral Stories in Hindi – चतुर सियार

एक बार की बात है एक गांव में एक बैल रहता था। जिसको घूमना बहुत पसंद था। वह घूमता घूमता जंगल में जा पहुंचा और आते समय गांव का रास्ता भूल गया। वह चलता हुआ एक तालाब के पास पहुंचा।

जहाँ पर उसने पानी पिया और वहाँ की हरी हरी घास खायी। जिसको खाकर वह बहुत खुश हुआ और ऊपर मुँह करके चिल्लाने लगा। उसी समय जंगल का राजा शेर तालाब की ओर पानी पिने जा रहा था।

जब शेर ने बैल की भयानक आवाज़ सुनी तो उसने सोचा जरूर जंगल में कोई खतरनाक जानवर आ गया है। इसलिए शेर बिना पानी पिए ही अपनी गुफा की तरफ भागने लगा। शेर को इस तरह डर कर भागते हुए 2 सियार ने देख लिया।

वह शेर के मंत्री बनना चाहते थे। उनने सोचा यही सही समय है शेर का भरोसा जितने का। दोनों सियार शेर की गुफा में गए और बोले हमने आपको डर कर गुफा की ओर आते हुए देखा था। आप जिस आवाज़ से डर रहे थे वह एक बैल की थी।

यदि आप चाहे तो हम उसको लेकर आपके पास आ सकते है। शेर की आज्ञा से दोनों बैल को अपने साथ लेकर आ गए और शेर से मिलाया। कुछ समय बाद शेर और बैल बहुत ही अच्छे मित्र बन गए।

शेर ने बैल को अपना सलाहकार रख लिया। यह बात जानकर दोनों सियार उनकी दोस्ती से जलने लगे क्योकि उनने जो मंत्री बनने का सोचा था वह भी नहीं हुआ। दोनों सियार ने तरकीब निकाली और शेर के पास गए।

वह शेर से बोले बैल आपसे केवल मित्रता का दिखावा करता है। लेकिन हमने उसके मुँह से सुना है वह आपको अपने दोनों बड़े सींगो से मारकर जंगल का राजा बनना चाहता है। पहले तो शेर ने विश्वास नहीं किया लेकिन उसको ऐसा लगने लगा।

दोनों सियार इसके बाद बैल के पास गए। वह बैल से बोले शेर तुमसे केवल मित्रता का दिखावा करता है। मौका मिलने पर वह तुमको मार कर खा जायेगा। बैल को यह जानकर बहुत गुस्सा आया और वह शेर से मिलने के लिए जाने लगा।

सियार पहले ही शेर के पास जाकर बोले की बैल आपको मारने के लिए आ रहा है। बैल को गुस्से में आता देख शेर ने सियार की बात सच समझी और बैल पर हमला कर दिया। बैल ने भी शेर पर हमला किया और दोनों आपस में लड़ने लगे। अंत में शेर ने बैल को मार दिया और दोनों सियारों को अपना मंत्री बना लिया।

Moral Stories in Hindi for Class 3

1. शेर और चूहा – Moral Stories in Hindi for class 3

एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन दोपहर को शेर अपना शिकार करने के लिए गया था। जंगल में शेर एक छोटा हिरन दिखा उसे मारकर खाने के बाद एक बड़ी पेड़ के नीचे शेर राजा सो रहा था।

उसी पेड के नजदीक बिल मैं एक चूहा रहता था। चूहा बहुत शरारती था, वह बिल में से बाहर निकल कर देखा एक शेर वहां सो रहा है। आनंद करने के लिए चूहा शेर की शरीर पर उछल कूद करने लगा।

शरीर पर उछलने की कारण शेर राजा की नींद खराब हो गई थी। शेर अचानक उठ गया, उसने देखा एक चूहा उसकी शरीर पर उछल कूद कर रहा है। शेर को बहुत गुस्सा आया, उसने चूहा को अपने पंजों में लिया।

मूर्ख चूहे, तुम शेर के साथ मजाक कर रहे हो तुम्हें तो मजा दिखाती हूं। चूहा बहुत डर गई उसने शेर से कहा, “कृपया मुझे छोड़ दीजिए। मैं आपका उपकार कभी नहीं भूलूंगी, मैं आपका मदद करूंगा।

शेर हंसकर बोला, “तुम जैसे छोटा चूहा मेरा क्या मदद कर सकता है।” चूहा ने कहा, “महाराज आपकी कभी किसी संकट आएगा तो मैं आपकी बताऊंगा।”

यह बात सुनकर शेर को चूहे पर दया आई और चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिन बाद, जब चूहा अपने बिल में सो रही थी। तब उसने एक शेर की गर्जन सुनी।

वह बिल से बाहर निकल के देखा, एक शेर शिकारी के जाल में फस गई थी। ताकतवर शेर जाल से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शेर कुछ भी करके जाल से निकल नहीं पा रहा था।

तब चूहा शेर को बचाने के लिए तुरंत शेर के पास गया और अपनी दांतो से मजबूत जाल को कटकर शेर को मुक्त किया। शेर चूहे को धन्यवाद दिया, फिर दुनो जंगल में चला गया।

नैतिक शिक्षा : कभी भी किसी को कम मत समझे।

2. ईमानदार लकड़हारा – Hindi story for class 3 with Moral

एक बार की बात है, गांव में एक लकड़हारा रहता था। वह रोज लकड़ियां काटकर शहर में बेचने जाता था। लकड़ियां बेचकर जो पैसा आता था, उन्हें पैसों से वह अपनी परिबार की पेट चलाता था।

वह रोज लकड़ियां काटने के लिए जंगल में जाता था। एक दिन, लकड़हारा एक पेड़ पे चढ़कर लकड़ियां काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी हाथ से फिसल कर नदी में गिर गया।

लकड़हारा अपने कुल्हाड़ी को बहुत ढूंढा, फिर भी उसे कुल्हाड़ी नहीं मिला। लकड़हारा दुखी होकर जोर जोर से रोने लगा फिर अचानक नदी में पानी की देवता प्रकट हुए।

देवता लकड़हारा से पूछा, “क्या बात है तुम क्यों रो रही हो?” लकड़हारा ने देवता को सारी बात बताई। देवता लकड़हारे को कहां, “तुम यही रुको मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी ढूंढ कर लाती हूं।”

फिर देवता पानी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा सोने की कुल्हाड़ी देख कर कहा नहीं नहीं देव, यह कुल्हाड़ी तो मेरा नहीं है। यह तो सोने का है।

फिर एक बार, देवता पानी में डुबकी लगाई और एक दूसरी कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा ने उसे भी देख कर कहा नहीं नहीं देव यह कुल्हाड़ी मेरा नहीं है। यह तो चांदी का है और मेरा तो लोहे की कुल्हाड़ी था।

फिर देवता ने तीसरी बार पानी में डुबकी लगाई और एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा कुल्हाड़ी को देख कर कहा, “यही तो है मेरी लोहे का कुल्हाड़ी।

लकड़हारा ने देवता को बहुत बहुत धन्यवाद दिया। फिर, अपनी कुल्हाड़ी लेकर घर जा रहा था। देवता ने उसे रुका और कहां, “तुम बहुत इमानदार आदमी हो।

हमें तुम्हारी इमानदारी देख कर खुशी हुई मैं तुम्हें यह तीनों कुल्हाड़ी देती हूं। तुम इसे तीनों कुल्हाड़ी को अपने साथ घर लेकर जाओ। लकड़हारा तीनों कुल्हाड़ी लेकर खुशी से अपना घर गया।

नैतिक शिक्षा : ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

3. दूधवाली और उसकी बलटी – Story in Hindi for class 3 with moral

कुछ समय पहले की बात है, एक गांव में एक दूधवाली उसकी मां के साथ रहती थी। उनका एक गाय थी, वह रोज बलटी भर के दूध देती थी। दूधवाली उसे शहर में बेचकर जो पैसा आती थी, उंही पैसा से उनकी घर चलती थी।

एक दिन उसकी मां ने कहा आज दूध बेचकर जो पैसा आएगी, तुम उस पैसे से अपने लिए कुछ खरीदना। दूधवाली अपने सर पर दूध की बलटी लेकर दूध बेचने के लिए शहर की ओर गया।

उसने जाते जाते सोचा, आज दूध बेचकर जो पैसा होगी उससे में चार मुर्गी खड़ीदूंगी। वह मुर्गी रोज अंडे देगी अंडे बाजार में बेच के पैसा आएगी, उन पैसों से मैं और भी मुर्गी खड़ीदूंगी।

कुछ दिन बाद मेरे पास तो बहुत सारा मुर्गी होगी। मैं तो और दूध बेचने नहीं जाऊंगी मैं मुर्गी और अंडे की business करूंगी। दूध की बलटी सर पर चढ़ा चढ़ा के मेरा बाल खराब हो गया है।

सोचते सोचते दूधवाली ने अपना सर थोड़ा नीचे किया तभी दूध की बलटी सर से नीचे गिरा। सारा दूध रास्ते में बह गया। उसकी सब सपना टूट गई थी वह रास्ते में बैठ कर रोने लगी।

नैतिक शिक्षा : जब तक कुछ हाथ में नहीं हो तब तक उसकी बारे में अंदाजा लगाना नहीं।

4. लकड़ियों का गुच्छा – Hindi story for class 3

एक समय की बात है, एक गांव में विजय नाम की एक आदमी उसकी तीनो बेटे के साथ रहता था। लेकिन उसके तीन बेटे हमेशा आपस में लड़ता रहता था। इसीलिए, कुछ दिन से विजय बहुत चिंतित था।

कुछ साल बीत गया, विजय अब बुड्ढा हो गया था। कुछ दिन से उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई। वह सारा दिन बिस्तर पर सोया रहता था। एक दिन, विजय उसकी तीनों बेटे को एक साथ बुलाया।

और कहां, “मैं मरने से पहले तुम तीनों को कुछ शिक्षा देकर जाना चाहती हूं।” तीनों बेटे पिता की तरफ देख रहा था। विजय अपनी तकिया के नीचे से कुछ लकड़ियों का गुच्छा निकल कर तीनों बेटे कि हाथ में एक एक गुच्छा देकर कहां, “इसे तोड़कर दिखाओ।”

तीनों बेटे अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। लेकिन, किसी ने भी गुच्छा को तोड़ नहीं पाया। तब विजय गुच्छा वापस लेकर तीनों के हाथ में एक एक छड़ी दी और कहां, “इसे तोड़कर दिखाओ।”

तीनों बेटे आसानी से छड़ी को तोड़ दिया। तब विजय तीनों बेटे को कहा, “अगर तुम तीनों लकड़ियों का गुच्छा की तरह एक साथ रहोगे, तो तुम्हें कोई नुकसान नहीं कर पाएगा।

और अगर तुम तीनों आपस में लड़ते रहोगी। तो तुम्हें कोई भी छड़ी की तरह आसानी से तोड़ देगा। तीनों बेटे पिता की बात समझा और पिता से वादा किया वह हमेशा एक साथ रहेगा। आपस में कभी नहीं लड़ेगा।

नैतिक शिक्षा : एकता में ही ताकत है।

5. राजू और उसकी पेंसिल – Short Moral story in hindi for class 3

एक बार की बात है, एक गांव में राजू अपनी दादी के साथ रहता था। राजू 2 दिन से बहुत परेशान था क्योंकि वह English परीक्षा मैं बहुत खराब प्रदर्शन किया था। राजू दुखी होकर अपने कमरे में बैठा था।

उसकी दादी को सब कुछ पता था इसीलिए दादी राजू के पास आया और उसे एक पेंसिल दी। राजू दादी के तरफ देखा और कहा, “मैं परीक्षा में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है, मैं तो इस पेंसिल की लायक नहीं हूं।”

दादी उसे समझाया, “तुम इस पेंसिल से बहुत कुछ सीख सकते हो यह पेंसिल तुम्हारे जैसा है।

यह पेंसिल दर्द का अनुभव करता है। जैसे तुम परीक्षा मैं खराब प्रदर्शन करने के कारण दर्द का अनुभव किया है। यह पेंसिल तुम्हें और भी बेहतर छात्र बनाने में सहायता करेगी।

इस पेंसिल से लिखने की टाइम तुम्हें याद आएगी तुम पहले परीक्षा मैं खराब प्रदर्शन किए थे। परीक्षा देते वक्त तुम्हें बहुत साहस मिलेगी। अगले परीक्षा मैं तुम जरूर अच्छा प्रदर्शन करोगीv

नैतिक शिक्षा : हम सभी में वह शक्ति है जो हम बनना चाहते हैं।

6. चूहा और मेंढक – Moral stories in hindi for class 3 with Pictures

एक बार की बात है, एक चूहा और एक मेंढक दोनों अच्छे दोस्त थे। मेंढक एक तालाब में रहता था और चूहा उसी तालाब के पास, एक पेड़ की नीचे बेल में रहता था।

मेंढक चूहा दोस्त से मिलने के लिए रोज चूहे की बिल में जाता था। लेकिन, चूहा कभी भी मेंढक की घर नहीं आती थी। क्योंकि चूहा को पानी से बहुत डर लगता था। चूहा कभी भी मंदक की घर नहीं आए।

एक दिन, मेंढक ने सोचा आज कैसे भी चूहा को मेरी घर ले आऊंगी। यह सोचकर मेंढक चूहे की बिल में जाकर चूहे को कहा अपना घर आने के लिए, लेकिन चूहा ने मना कर दिया।

मेंढक को बहुत गुस्सा आया। वह एक रस्सी को लेकर चूहे की पैरों में बंधी और एक अपना पैरों में बांध के चूहे को घसीटते हुए अपना घर तालाब में लेकर आए।

चूहा रस्सी को काटने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन, वह नाकामयाब रही। मेंढक चूहे को लेकर पानी में डुबकी लगाई चूहा पानी में डूब के मरने वाली थी।

उसी समय एक बाज खाने की खोज में तालाब के ऊपर से जा रही थी। जाते वक्त उसने चूहे को देखा, बाज चूहे को पकड़ कर एक पेड़ में लेकर आया। लेकिन, उसी रस्सी में मेंढक भी बंधी थीv

मेंढक ने रस्सी काटने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन, वह भी चूहे की तरह नाकामयाब रहा। बाज ने दोनों को एक साथ देख कर बहुत खुश हुआ। फिर, दोनों को अपना भजन बनाया।

नैतिक शिक्षा : अगर हम किसी के लिए परेशानी खड़ी करेंगे तो खुद भी परेशान होंगे।

7. चींटी और कबूतर – Hindi story for class 3

एक समय की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। जंगल में एक चींटी को बहुत ज्यादा प्यास लगी थी। चींटी ने पानी ढूंढते हुए एक नदी के पास पहुंचा। नदी में पानी देखकर चींटी बहुत खुश हुआ।

वह पानी पीने के लिए, एक छोटी चट्टान पर चढ गया। लेकिन, चींटी वहां से फिसल कर पानी में गिर गया। वह धीरे धीरे पानी में डूबने लगा।

उसी नदी के पास पेड़ में एक कबूतर बैठा था। कबूतर, पेड़ मैं से चींटी को पानी में डूबते हुए देखा। वह जल्दी से एक पत्ता नदी में फेंक दिया। चींटी थोड़ा ताकत लगा कर उस पत्ते पर चरके अपना जान बचा लिया।

चींटी ने कबूतर से अपना जान बचाने के लिए शुक्रिया अदा किया। फिर, वह दोनों अच्छे दोस्त बनकर जंगल में एक साथ खुशी से रहने लगा।

एक दिन, एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में आया था। उसने देखा, एक खूबसूरत कबूतर पेड़ मैं बैठा है। वह कबूतर को अपना शिकार  बनाने के लिए सोचा।

फि,र शिकारी अपना बंदूक निकाल कर कबूतर को निशाना किया। कबूतर को शिकारी के बारे में कुछ पता नहीं था, वह आराम से पेड़ में बैठा था। लेकिन चींटी ने शिकारी को देख लिया था.

चींटी ने कबूतर की जान बचाने के लिए, शिकारी के पास गया और उसकी पैरों में जोर से काटा। शिकारी दर्द में चिल्लाया, तब उसकी बंदूक हाथ में से गिर गया।

शिकारी की चीख सुनकर कबूतर घबरा गया। वह महसूस किया उसके साथ क्या होने वाला था। फिर कबूतर वहां से उड़कर पेड़ की उचाही पर चला गया.

नैतिक शिक्षा : एक अच्छा काम कभी भी बिना रुके चलता है।

8. चींटी और टिड्डा – Moral story in Hindi for class 3 

एक बार की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। एक जंगल में दो दोस्त रहता था, एक चींटी और एक टिड्डा। टिड्डा को सारा दिन आराम करना और गिटार बजाना पसंद थी।

सर्दी का मौसम आने वाला है। चींटी सारा दिन बहुत मेहनत करके खाना और पत्ते इकट्ठे कर रही थी। क्योंकि, सर्दियों में बहुत ठंड होने की कारण खाना ढूंढना मुश्किल है।

लेकिन, टिड्डा कोई मेहनत नहीं करती थी। वह सारा दिन अपना गिटार बजाकर गाना गाती थी। चींटी ने थोड़ा थोड़ा करके खाना इकट्ठा कर रही थी, सर्दियों के मौसम के लिए।

फिर, धीरे धीरे गर्मी का मौसम चला गया और सर्दी का मौसम आया। सर्दियों में सभी पेड़ पर बर्फ की चादर चढ गई थी। बहुत ज्यादा ठंड होने की कारण चींटी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी।

वह घर में बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। लेकिन, टिड्डा की हालत बहुत खराब हो गई थी। उसे कुछ दिन से खाना नहीं मिली थी। वह ठंड में काटते हुए अपने दोस्त चींटी के घर गया और चींटी से थोड़ा खाना मंगा।

चींटी ने कहा, “मैं सारा दिन गर्मी में काम किया, ताकि सर्दी के टाइम हम भूखा ना मारे। मैं तुमको बोला था थोड़ा खाना इकट्ठा कर लो सर्दी का मौसम आने वाला है, तुमने मेरी बात नहीं सुनी।”

“हां चींटी भाई! मैं पूरा गर्मी में गिटार बजाता था और सोया रहता था।” चींटी ने कहा, “जब तुम पूरे गर्मी में गिटार बजाया। तो अब सर्दी में भी गिटार बजाओ, तुम्हें मैं खाना नहीं दे सकती।

चींटी ने बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। उसे बिना किसी चिंता की इस सर्दी में भी पर्याप्त खाना मिलती थी और भूखा टिड्डा ने खाना इकट्ठा नहीं की थी। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ इस सर्दी में उसे भूखा रहना पड़ा।

नैतिक शिक्षा : काम की समय काम करना चाहिए।

9. हाथी और उसका साथी – Stories in Hindi for class 3 with moral

एक बार की बात है, जंगल में एक हाथी रहते थे। हाथी का एक भी दोस्त नहीं था। एक दिन, हाथी दोस्त की खोज में दूसरी जंगल पर गया। उसने देखा एक बंदर पेड़ मैं बैठा है।

हाथी, बंदर को देखकर उसे दोस्त बनाने का सोचा। हाथी ने बंदर को कहां, “बंदर भाई मेरा कोई भी दोस्त नहीं है। क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी?”

बंदर ने कहा, “मैं तुम्हारी दोस्त कैसे बन सकती हूं। तुम मेरे से कितना बड़ा हो और मैं कितना छोटा हूं। मेरी तरह तुम पेड़ मैं भी नहीं चल सकते हो, नहीं नहीं मैं तुम्हारी दोस्त नहीं बन सकती।”

फिर हाथी एक खरगोश की पास जाकर उससे कहां, “तुम मेरी दोस्त बनोगी?” खरगोश ने कहा, “माफ करना हाथी भाई, मैं तुम्हारी दोस्त नहीं बन सकती। मैं तुमसे बहुत छोटा हूं।”

फिर हाथी एक मेंढक के पास जाकर मेंढक को कहा, “तुम मेरी दोस्त बनोगी मेंढक भाई?” मेंढक ने हाथी को कहा, “मैं तो पानी में रहती हूं। मैं एक हाथी के साथ दोस्ती नहीं कर सकती।”

हाथी दुखी होकर एक जगह पर बैठी थी। क्योंकि, इस जंगल में भी हाथी से कोई भी जानवर दोस्ती नहीं की। अचानक हाथी ने देखा, जंगल के सभी जानवर इधर उधर भाग रही थी।

सभी जानवर परेशान थे। हाथी ने एक लोमड़ी से पूछा, “क्या हुआ है लोमड़ी भाई?” लोमड़ी ने कहा, “शेर हम सबको मारकर खाना चाहती है। इसीलिए सभी जानवर शेर से बचने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं।”

हाथी ने जानवरों की जान बचाने के लिए शेर के पास जाकर कहां, “तुम इस जानवरों को नहीं खा सकते हो। शेर ने कहा, “तुम्हें कहने के लिए कौन बोला, तुम अपने काम से काम रखो।”

हाथी के पास कोई रास्ता नहीं था। वह शेर को एक जोर से लात मारी। शेर डर गया, वह डर के मारे सभी जानवरों को छोड़कर वहां से भाग गया।

फिर जंगल के सभी जानवर हाथी के पास आकर कहां, “हाथी भाई तुम हमारी दोस्त बनने के लिए बिल्कुल काबिल हो।” फिर, सभी जानवर हाथी से दोस्ती किया और खुशी से जंगल में रहने लगा।

नैतिक शिक्षा : दोस्त सभी आकृति और आकार में आती है।

10. घमंडी गुलाब – Best moral stories in Hindi for class 3

एक समय की बात है, बसंत का मौसम चल रहा था। एक बगीची में बहुत ही खूबसूरत खूबसूरत फूल खिले थे। उन फूलों में एक गुलाब फूल भी थी। गुलाब बहुत सुंदर था।

इसीलिए, बाकी सब फूल गुलाब की सुंदरता को सारा दिन देखती रहती थी। गुलाब को उसकी खूबसूरती पर घमंड होती थी। गुलाब कहती थी, “मैं इस बगीचे का सबसे खूबसूरत फुल हूं।”

उसकी बात सुनकर एक सूरजमुखी ने कहा, “तुम यह बात कैसे कह सकते हो? बगीचे में और भी बहुत सारा खूबसूरत फूल है। तुम उन्हीं में से एक हो, तुम अपने आप को कैसे खूबसूरत कह सकते हो।”

गुलाब गुस्से में कहा, “बगीचे का सब फूल मुझे ही खूबसूरत मानते हैं। क्योंकि, मैं ही सबसे खूबसूरत फूल हूं। और तुम इस कैक्टस को तो देखो इसकी शरीर पर तो सिर्फ कांटे ही कांटे है।”

गुलाब की बात सुनकर सूरजमुखी ने कहा, “तुम कैसे कह सकते हो, तुम्हारे शरीर पर भी बहुत सारा कांटा है।” गुलाब ने कहा, “तुम, मेरे साथ उस कैक्टस की तुलना कर रही हो?”

कुछ दिन बीत गए, गुलाब ऐसे ही कैक्टस का मजाक उड़ाता रहता था। लेकिन, कैक्टस कभी कुछ नहीं बोले। ऐसे ही चलते चलते गर्मी का मौसम आया।

कुछ दिन से बारिश नहीं हुआ था, बगीचे में पानी का संकट दिखाई दिया था। पानी की संकट में गुलाब की पंखुड़ियां धीरे धीरे गिरने लगी।

एक दिन, उसने देखा कुछ पक्षी आकर अपनी होठों की मदद से कैक्टस में से पानी पीकर खुशी से उड़ गई। गुलाब यह देखकर कैक्टस से पूछा, “क्या तुम्हें दर्द नहीं होती। पक्षियों को पानी देते हुए?”

कैक्टस ने कहां, “दर्द तो होता है। लेकिन पक्षियों कि प्यार मिट्टी है, मेरे पानी से यह देख कर मुझे खुशी मिलती है।” गुलाब ने कहा, “क्या तुम मुझे तुम्हारी शरीर से थोड़ा पानी दे सकते हो?”

कैक्टस पक्षियों की मदद से गुलाब को पानी दी।  कैक्टस पानी देने से गुलाब की जान बचा था। गुलाब को अपनी गलती का एहसास हुआ और तब से वह दोनों दोस्त बनकर बगीचे में खुशी से रहने लगा।

नैतिक शिक्षा : कभी भी किसी को चेहरा देखकर उनका विचार ना करें।

Moral Stories in Hindi for Class 4

इस लेख में हमारे पास नैतिक शिक्षा के साथ कुछ 10 Best Hindi story for class 4 with moral का संग्रह है। यह कहानियाँ आप अपनी बच्चों को पढ़कर सुना सकते हो। प्रत्येक कहानियाँ से बच्चों को कुछ ना कुछ नैतिक शिक्षा मिलेगी जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इनमें से कुछ नैतिक कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी हैं, जो बच्चों की पढ़ते समय ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी। एक समय था जब कहानी की पुस्तकें बच्चों के लिए केवल मनोरंजन के साधन थे।

हालाँकि, अब समय बदल गया है – इंटरनेट की युग में बच्चे अपना अधिकांश समय स्मार्टफोन पर गेम खेलकर बिताते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं, कि आपके बच्चे अपने बचपन का अनुभव करें। तो आप उन्हें Moral Stories in Hindi for class 4 का संग्रह पढ़ा सकते है, जो बहुत ही रोचक और शिक्षावर्धक है।

10 Best Hindi Story for Class 4 with Moral | नैतिक कहानी

1. खरगोश और कछुआ Hindi Story for Class 4

एक बार की बात है एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहता था, खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था। उसने धीमी गति के लिए कछुए का मजाक उड़ाता था।

एक दिन कछुए ने चुनौती दी कि उसके साथ एक दौड़ प्रतियोगिता हो, खरगोश ने चुनौती स्वीकार कर ली। फिर दौड़ शुरू हुई, प्रतियोगिता में एक कौआ रैफरी था।

खरगोश बहुत तेज दौड़ा, कछुआ बहुत पीछे रह गया था। एक पेड़ के नीचे नीचे विश्राम करने के लिए खरगोश रुक गया, वह सो गया। कछुआ ने उसे पास किया और विजेता पद पर पहुंच गया।

फिर खरगोश जाग गया, वह जितना तेज दौड़ सकता था उतनी तेज दौड़ी। उन्होंने देखा कछुआ पहले से विजेता पद पर था, कछुआ दौड़ जीत लिया था।

नैतिक शिक्षा : घमंड का सर हमेशा नीचा ही होता है, और जो कोशिश करता है वही सफल होता है।

2. राजा ब्रूस और मकड़ी Short Moral Stories in Hindi for class 4

एक समय की बात है, एक बार स्कॉटलैंड में एक राजा था, उनका नाम रॉबर्ट ब्रूस था। उसने कई लड़ाइयां लड़ी, एक बार वह हार गया था, वह युद्ध के मैदान से भाग गया। वह एक गुफा में छिप गया।

उस गुफा में एक मकड़ी था, वह गुफा की छत तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था, वह बार बार विफल हुआ। हर बार गिरने के बाद मकड़ी ने फिर से कोशिश की, वह हिम्मत नहीं हारी। मकड़ी सातवें प्रयास में अपनी गंतव्य पर पहुंची।

मकड़ी ने राजा ब्रूस को एक महान सबक सिखाया, इसने राजा को नई आशा और साहस से भर दिया। फिर राजा गुफा से बाहर आया और अपनी सेनाओं को इकट्ठा किया, इस बार वह बहादुरी से लड़े। वह अपने देश को आजाद कराने में सफल रहा।

नैतिक शिक्षा : कोशिश करते रहो, जब तक आप सफल नहीं हो जाते।

3. हिरण और उसके सींग Moral story in hindi for class 4

एक बार की बात है,एक जंगल में हिरण रहती थी. उसी जंगल के किनारे एक नदी थी। एक दिन हिरण नदी में पानी पी रहा था, उसने पानी में उसके सींग का प्रतिबिंब देखा, उसे गर्व महसूस हुआ।

जब उन्होंने पानी में अपने पैरों का प्रतिबिंब देखा, तो उन्हें शर्म महसूस हुई। तभी उसने एक शेर की आवाज सुनी, वह जितनी तेज भाग सकता था भाग गया।

हिरण की पतले पैरों ने उसे भागने में मदद की, उन्होंने महसूस किया कि उनके बदसूरत दिखने वाली पैर उनकी असली साधन है।

फिर जल्द ही उनके खूबसूरत सींग उनके लिए दुश्मन बन गई, वह एक झाड़ी में उजला गया। हिरण वहां से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। फिर कुछ मिनटों बाद शेर वहां पहुंच गया, वह हिरण को अपना भजन बनाया।

नैतिक शिक्षा : सभी चमकती चीज सोना नहीं होती।

4. चालाक लोमड़ी और कौआ Short hindi story for class 4

एक बार की बात है, जंगल में एक लोमड़ी रहती थी वह दो दिन से भूखा था, उसे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल से जा रहा था फिर उसने देखा एक कौआ एक पेड़ की शाखा पर बैठा है, उसकी मुंह में एक रोटी का एक टुकड़ा था।

रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी की मुंह में पानी आ गया। और उसने वह रोटी कौआ की मुंह से छीन ना चाहा। फिर लोमड़ी एक जोजोना की बारे में सोच कर पेड़ के पास गई और कौआ की आवाज की बहुत तारीफ की।

फिर लोमड़ी कौआ से एक गीत गाने की प्रार्थना की। कौआ अपनी झूठी तारीफ सुनकर इतना तल्लीन हो गया कि वह भूल ही गया उसकी मुंह में एक रोटी का टुकड़ा है, कौआ गर्व महसूस करने लगा।

से ही कौआ ने गीत गाने के लिए अपना मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी जल्दी से रोटी का टुकड़ा लिया और वहां से भाग गया थोड़ी दूर जाकर लोमड़ी खुशी से अपना भोजन किया। और कौआ दुखी होकर वहां रोने लगा।

नैतिक शिक्षा : कभी भी अगर कोई तुम्हारी जरूरत से ज्यादा तारीफ करेगा तो उनकी बातों पर भरोसा करने से पहले एक बार जरूर सोचना।

5. सूरज और हवा Stories in Hindi for class 4

एक बार की बात है वह पतझड़ का दिन था, एक दिन हवा और सूरज एक बात को लेकर बहस कर रही थी। हवा ने दावा किया मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं। सूरज उसकी बात नहीं मानी उसने कहा नहीं तुम ज्यादा ताकतवर नहीं हो।

तभी, उन्होंने देखा एक यात्री कंबल में लिपटा हुआ वहां से गुजर रहा था। हवा ने कहा, हम दोनों में से जो भी कंबल को यात्री से अलग कर पाएगा वह ज्यादा शक्तिशाली है। सूरत से पूछा क्या आप सहमत है?

सूरज ने जवाब दिया, ठीक है पहले आप कोशिश करो। हवा जोर से बहने लगी, यात्री ने अपने कंबल को उसकी चारों ओर लपेट दिया। फिर हवा और जोर से बहने लगी, यात्री ने अपनी कंबल ओढ़ लिया।

हवा बहुत जोर जोर से बह रही थी लेकिन यात्री ने अपनी कंबल नहीं छोड़ी, उसने कंबल में लिपटा रहा, हवा विफल रही। अब सूरज की बारी थी, सूरज यात्री पर धीरे से मुस्कुराया।

यात्री ने कंबल पर अपनी पकड़ ढीली कर दी, सूरज और गर्म होकर मुस्कुराया। यात्री ने बहुत ही ज्यादा गर्व महसूस की और जल्द ही कंबल उतार दिया, फिर सूरज को हवा से ज्यादा ताकतवर घोषित किया गया।

नैतिक शिक्षा : जहां नम्रता से बात मनवाई जा सकती है, वहां ताकत दिखाने का कोई जरूरत नहीं है।

6. गुलाम और शेर Short Hindi story for class 4 with moral

एक बार एक राज्यों में एक गुलाम था, उसका राजा बहुत क्रूर था। वह भागकर एक जंगल में चला गया, वहां रहने के लिए एक गुफा में गया। गुलाम गुफा में सोया हुआ था, शेर की दहाड़ सुनकर अचानक वह जाग गया, उसने वहां एक शेर को देखा।

शेर लंगड़ा कर चल रहा था,गुलाम शेर की पंजे में एक कांटा देखा। उसने शेर की पंजे से कांटा बाहर निकाला, शेर को राहत महसूस हुई, फिर दोनों दोस्त बन गए।

एक दिन गुलाम को उसकी राजा के लोग ने पकड़ लिया। और फिर राजा के सामने लेकर गया। राजा ने उसे एक भूखे शेर के सामने फेंकने का आदेश दिया। जब गुलाम को शेर के सामने फेंका गया, तो शेर ने उसे नहीं मारा।

क्योंकि यह वही शेर था, शेर ने उसकी पैर चाटी, इस अजीब नजरे को देखकर सभी हैरान थे। फिर गुलाम को आजाद कर दिया गया, शेर को पुरस्कार के रूप में दिया गया था।

नैतिक शिक्षा : हमेशा संकट में किसी का मदद करना चाहिए।

7. भेड़िया और मेमना Short Moral Story in Hindi for class 4

एक बार एक जंगल में एक शरारती मेमना रहती थी, उसकी मां अपने बच्चों से इतना प्यार करती थी, कि वह हमेशा बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती थी। उसकी मां हमेशा उन्हें चेतावनी देती थी, बच्चों आपको जंगल में नहीं जाना चाहिए।

जंगली जानवर वहां रहते हैं, वह तुम्हें मारकर खा सकता है लेकिन शरारती मेमना ने अपनी मां की बात कभी नहीं सुना। एक दिन, वह हमेशा की तरह जंगल में घूमने गई थी। वहां उसने एक झरना दिखा, उसे बहुत ज्यादा प्यास लगी थी इसलिए वह पानी पीने के लिए वहां गया।

जब मेमना झरना की पानी पी रहा था, तब एक भेड़िया एक पेड़ की पीछे से उसे देख रहा था। वह दोनों के अलावा वहां और कोई नहीं था, आप जानते नहीं हो यह जंगल सिर्फ मेरे जैसा जंगली जानवर के लिए है। तुम यहां की पानी नहीं खा सकते हो। भेड़िया ने कहा.

मेमना को पता था की भेड़िया खतरनाक जानवर है, उसकी मां ने भेड़िया की बारे में चेतावनी दी थी। उसे पता था भेड़िया उसे खाने वाला है , फिर वह भेड़िया को कहा तुम भी पानी को गंदा कर रहे हो। अब मैं इस दूषित पानी को कैसे पियूंगा?

इस तरह मेमना कुछ और मिंटू तक भेड़िया से बात करता रहा। फिर वहां से एक लकड़हारा जा रहा था, लकड़हारा मेमना को बचाने के लिए वहां आया। उसने मेमना और भेड़िया दोनों को देखा, लकड़हारा उसे बचाने के लिए भेड़िया को पकड़कर पीटा।

मेमना अब सुरक्षित थी, वह वापस अपनी मां के पास गया। उसने अपनी मां को बताया कि जंगल में भेड़िया और लकड़हारा के साथ क्या हुआ था। और फिर उन्होंने अपनी मां से वादा किया वह फिर कभी जंगल में अकेला नहीं जाएगा।

नैतिक शिक्षा : ताकत ही सब कुछ नहीं होता, कभी कभी कमजोर लोग होशियारी से ताकतवर लोगों पर काबू पा सकते हैं।

8. वफादार कुत्ता Hindi Stories for Class 4 with Moral

एक बार एक गांव में एक महिला रहती थी, जिसके पास एक वफादार कुत्ता था। यह कुत्ता इतना वफादार था कि महिला अपने बच्चे को इसके पास छोड़कर अन्य काम के लिए जा सकती थी।

एक दिन कुछ दुखद हुआ, महिला हमेशा की तरह इस वफादार कुत्ते के पास बच्चों को छोड़कर कुछ सामान खरीदने के लिए निकल गई। जब वह वापस लौटी,तो उसने एक बुरा दृश्य देख लिया, कुछ गड़बड़ थी।

बच्चे की बिस्तर उखड़ गई, उसकी कपड़े फटा हुआ था और पूरे बिस्तर खून से भरे हुए थे। जहां उसने बच्चे और कुत्ता को छोड़ कर गई थी। चौककर, महिला ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी।

वर्तमान में, वफादार कुत्ते को बिस्तर के नीचे से निकालने देखा। कुत्ता उसके मुंह को चाट रहा था, जैसे कि उसने अभी स्वादिष्ट भोजन किया हो। महिला डर गई, और यह मान लिया कि कुत्ते ने उसके बच्चे को खा लिया है।

महिला ने बिना ज्यादा सोचे समझे कुत्ते को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन जब उसने अपने बच्चे की खोज जारी रखी, तो उसने एक और दृश्य को देखा।

बिस्तर के करीब उनका बच्चा था, जो नंगे तल पर पड़ा हुआ था, सुरक्षित था। और बिस्तर के नीचे एक सांप का कुछ टुकड़ा पड़ा हुआ था, सांप और उन कुत्ते के बीच युद्ध हुआ होगा,जो अब मर चुका था।

फिर हकीकत ने महिला को मारा, जो अब समझने लगी थी कि उनकी अनुपस्थिति में क्या हुआ। कुत्ते ने बच्चे को सांप से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी, अब उसे ठीक करने में बहुत देर हो गई।

क्योंकि गुस्से में उसने वफादार कुत्ते को मार डाला था।

नैतिक शिक्षा : थोड़ा सा धैर्य गलती से गलतियों को बचा सकता है।

9. खरगोश और शेर Moral stories in Hindi for class 4 with picture

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर रहता था, वह जानवरों का राजा था। उसने कई जानवरों को मार डाला, सभी जानवर भयभीत थे।

एक दिन शेर एक बैठक की, सभी जानवर शेर के साथ बैठक में शामिल थी। एक बूढ़ा खरगोश खड़ा हो गया, वह बुद्धिमान था, वह एक योजना के बारे में बताया।

जानवरों ने रोज एक एक करके जानवर भेजेंगे शेर के पास, भोजन करने के लिए। शेर को और शिकार करने का जरूरत ही नहीं होगा, शेर योजना मान गया।

एक दिन खरगोश की बारी थी, वह देर से शेर के पास पहुंचा। शेर गुस्से में था, उन्होंने खरगोश से पूछा कि उन्हें देर क्यों हुई? खरगोश ने कहा कि एक अन्य शेर ने उसे रास्ते में पकड़ लिया था।

फिर शेर ने उसे दूसरे शेर को दिखाने के लिए कहा, खरगोश ने उसे एक गहरे कुएं के पास लेकर गया। शेर कुएं में झांक कर देखा और पानी में अपनी ही छाया देखी।

शेर ने उसे दूसरे और एक शेर समझकर उसे मारने के लिए कुएं में कूद गया। कुए से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं था धीरे धीरे शेर कुएं में मर गया, सभी जानवरों ने उसके बाद खुशी से रहते थे।

नैतिक शिक्षा : बुद्धि ताकत से अधिक मजबूत है।

10. चतुर मछुआरा Short Hindi story for class 4 with moral

एक बार एक राज्य का राजा एक भोज का आयोजन किया। वह मछली बहुत पसंद करता था, मछली उपलब्ध नहीं थी। फिर एक मछुआरा एक मछली लेकर आया राजा को देने के लिए।

लेकिन दरबान उसे राजा के पास जाने से रोक दिया। दरबान ने कहा, यदि आप मुझे राजा से जो कुछ भी मिलेगा उसका आधा हिस्सा दोगी तो मैं आपको जाने दूंगी।

मछुआरा राजी हो गया। फिर वह राजा के पास मछली लेकर गई, मछली पाकर राजा बहुत खुश हुआ। राजा मछुआरा से मछली की कीमत पूछी?

मछुआरा ने उत्तर दिया, मेरी नंगी पीठ पर एक्सो बार चाबुक मारिए। राजा मछुआरा की बात सुनकर हैरान हो गया, लेकिन उसने सैनिकों से आदेश दिया मछुआरा मारने के लिए।

जब मछुआरा को पचास चाबुक मिली, तो उसने रोते हुए कहा रुको। अब बाकी के पचास चाबुक मेरे हिस्सेदार की पीठ पर लगाओ। फिर राजा हिस्सेदार की बारे में पूछा? मछुआरा जवाब दे दरबान है मेरा हिस्सेदार।

राजा को पूरी कहानी समझ में आ गई। दरबन को उसकी नंगे पीठ पर पचास चाबुक मारी, उसे बर्खास्त कर दिया गया। फिर राजा मछुआरा को अच्छा इनाम दिया।

नैतिक शिक्षा : लालच एक अभिशाप है।

Moral Stories in Hindi for Class 5

Moral Stories in Hindi for Class 6

Moral Stories in Hindi for Class 7

Moral Stories in Hindi for Class 8

Moral Stories in Hindi for Class 9

Moral Stories in Hindi for Class 10

FAQ : Moral Stories in Hindi

कहानियां कितने प्रकार की होती हैं?

कहानियाँ बहुत प्रकार की होती है कुछ कहानी आपको moral education देती है, कुछ funny stories होती है, कुछ डरावनी कहानी होती है, कुछ Motivational Stories, Inspirational Stories और कुछ Ancient time stories होती है जैसे अकबर बीरबल की कहानी आदि।

कहानी का नैतिक पाठ क्या है?

कहानी का नैतिक पाठ वह होता है जो आपको moral stories in Hindi पढ़ने के बाद मिलता है। इसमें कुछ न कुछ शिक्षा छुपी होती है। जिसको अपनाकर आप एक अच्छे इंसान बनते है।

नैतिक कहानी से हम क्या सीखते हैं?

नैतिक कहानी से हम नैतिक शिक्षा सीखते है।

आपको Moral Stories in Hindi में क्या सबसे अच्छा लगता है ?

हमको Moral Stories in Hindi में moral of the story सबसे अच्छा लगता है।

नैतिक कहानियों को पढ़ने का सबसे सही समय कौनसा होता है ?

नैतिक कहानियों को पढ़ने का सबसे सही समय रात को सोने से पहले का होता है।

हमें उम्मीद है की आपको हमारी Moral Stories in Hindi पढ़ कर जरूर मज़ा आया होगा। यह Short StoriesHindi Kahaniyan न केवल kids को पढ़ने में अच्छी लगती है बल्कि यह बड़े लोगों के मनोरंजन का साधन भी बनती है और हमें बचपन की याद दिलाती है। हम बच्चों के लिए ऐसी ही नई नैतिक कहानियाँ यहाँ पर डालते रहेंगे। यदि आपको हमारी नैतिक कहानियाँ पसंद आयी हो तो आप हमकों इसके बारे में नीचे comment भी कर सकते है।

बच्चों को कहानी कैसे सुनते हैं?

चाहे कहानी कितनी भी मज़ेदार और रोचक न हो, फिर भी आपके कहानी सुनाने के अंदाज के ऊपर निर्भर करता है की वो कहानी आपके बच्चे को कितनी पसदं आने वाली है. क्यूंकि आपके बताने के ढंग पर सबकुछ निर्भर करता है।

अगर आप भी अपने कहानियों को ज्यादा मज़ेदार बनाने के लिए नीचे दिए गए tips का जरुर से पालन करें.

1. आपको बहुत ज्यादा creative बनना होगा जब आप किसी बच्चे को कहानी सुना रहे हैं. अक्सर देखा गया है की एक personality या character किसी कहानी का एक बच्चे की interest को अपनी और खींचती है. ऐसे में आप अलग अलग प्रकार के आवाजों का इस्तमाल कर सकते हैं, जिससे की बच्चों को कहानी सुनने में आनंद आये.

2. अगर आप किसी किताब या चित्र से कहानी सुना रहे हैं तब आपको उसे बच्चों के सामने रखना चाहिए जिससे की बच्चों को भी आपके कहानी और किताब में स्तिथ चित्र के विषय में मालूम पड़े. वो ऐसे में अच्छे ढंग से कहानी समझ पाते हैं.

3. एक बार जब आपने कहानी ख़त्म कर दी तब आप बच्चों से उस कहानी के विषय में सवाल करें. जैसे की इससे उन्हें क्या शिक्षा मिलती है और साथ में उन्हें उस विषय में समझाएं भी. इससे आपको ये भी मालूम पड़ेगा की आखिर उन्हें आपकी कहानी समझ में आई भी या नहीं.

4. खुद कहानी पढने के साथ साथ अपने बच्चों को भी आपके साथ दोहराने के लिए प्रेरित करें. इससे उनके भीतर पढने की कला उत्पन्न होने लगेगी.

6. कहानी सुनाने के लिए दिन के अलग अलग समय का इस्तमाल करें. इससे आपको ये मालूम होगा की आपके बच्चे किस समय सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं कहानी सुनने के लिए.

मुझे आशा है की मेरे द्वारा लिखी ये “Short Stories in Hindi” लेख आपको पसदं आई होगी. इसके साथ ही इससे आपको और आपके बच्चों को इसमें से खूब सारी सिख भी मिली होगी. ऐसी सिख बच्चों को उनके जीवन में आगे बढ़ने में काफ़ी मदद प्रदान करती है. उन्हें सही गलत के बीच के अंतर से रूबरू कराती है.

यदि आपको थोडा सा भी लगा की यह लेख अच्छा लगा हो तब इसे सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा share करिये और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार की कोई राय हो तो निचे कमेंट जरुर करें.

क्या आपको Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है?

जी हमें Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है।

क्यूँ आपको Short Stories in Hindi पढ़नी चाहिए?

आपको Short Stories in Hindi इसलिए पढ़नी चाहिए क्यूँकि इसमें आपको बहुत सी चीजें सीखने को मिलती है और साथ में जीवन में आगे बढ़ने में काफ़ी मदद प्रदान करती है।

क्या मुझे यहाँ पर Short Motivational Stories in Hindi पढ़ने को मिलेगी?

जी हाँ दोस्तों यहाँ पर हमने सबसे बेहतरीन मोटिवेशनल स्टोरी को जगह दिया है। आप आर्टिकल में बहुत सी कहानियाँ पढ़ सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा?

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Short Stories in Hindi with Moral for Kids जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को ख़ास कर छोटे बच्चों को प्रेरणादायक कहानियों के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी कहानियां भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.

यदि आपको यह लेख Short Moral Story in Hindi पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये.