हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब आप सभी को फिर से हमारे ब्लॉग में सुबागत है हम आज जाने गे की antidote vs vaccion kya hai तो चलिये सुरु करते है
आज आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी ही जानकारी क्योंकि कई बार अनजाने में कभी जानबूझकर कुछ ऐसी केमिकल का सेवन कर लिया जाता है जो शरीर के लिए होते हैं और अगर समय रहते और ना किया जाए तो जानलेवा हो जाता है ऐसे पॉइजन को शरीर से निकालने के लिए रोड की मदद ली जाती है
इस तरह बहुत सी बीमारियों से बचने के लिए लगाया जाते हैं और आप जरूर करवाया होगा लेकिन यह होते क्या और किस तरीके से काम करते हैं यह आपको भी जानना चाहिए आज है इसलिए Harshvardh kumar के airtecle में हम आपको Antidotes और vaccine से जुड़ी full informasan या देने वाले हैं इसलिए इस airtecle को पूरा read kare तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले Antidotes के बारे में जानते हैं और प्रतिकारक होता है इसे समझने से पहले यह जानना होगा प्वाइजन क्या होता है ऐसी सब होते हैं
जिन्हें लेने से इंसान के किसी और को नुकसान पहुंचा सकता है और जान भी जा सकती है किसी प्राकृतिक और उनके अमाउंट पर निर्भर करता है कि वह कितना घातक साबित होगा anti dot प्रतिकार एसी एसी आईसी आईसी आईसी एजेंट होते हैं जो पॉइजन की इफेक्ट को काम करने और खत्म करने का काम करते हैं
जब किसी अनजाने में या जानबूझकर ऐसे कोई संतान से हमारे शरीर में चला जा रहा है कि पूरे शरीर पर या शरीर के किसी ऑर्गनाइजेशन पर हम फुल इफेक्ट पड़ता है एंटी टोटके मदद से आयोजन के इस लेख को न्यूट्रल करके खत्म किया जाता है यह एंटीडोट्स साइड इफेक्ट केमिकल होते हैं जो शरीर के होम फूल डरक या पॉइजन को रोकते हैं ताकि आगे चलकर ब्लड में मिक्स ना हो जाए और इसके साइड इफेक्ट को रोका जा सके हमें इसे एक Example से समझते हैं activat edcharcgarcohal universal antivirus होता है जब कोई व्यक्ति किसी बजा से poigen जनसंसोंग्स ले लेता है तो उस पॉइजन को ब्लड में घुलने से रोकने के लिए एक्टिव अल्कोहल का यूज किया जाता है उसके बाद भाइयों में निकाल दिया जाता है ऐसे बहुत से एंटी तोड़ होते हैं जो अलग-अलग प्वाइजन का इफेक्ट को मिटाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे :- charcoal, atropine, sodium bicarbonate and vitamin k
type of antidotes ( antidotes कितने प्रकार के होते है )
physiologic antidotes
chemical antidotes
Mechanical antidotes
univerceal antidotes
#1 physiologic antidotes– बॉडी में फैले प्वाइजन पर डायरेक्ट अटैक नहीं करते हैं बल्कि बॉडी यूरोलॉजी में ऐसे चेंज कर देते हैं जो प्वाइजन के इफेक्ट को रोकते हैं सोडियम नाइट्रेट सायनाइड प्वाइजन के रूप में दिया जाता है यह एंटी डॉट हिमोग्लोबिन को मेथा हीमग्लोबिन में कन्वर्ट कर देता है जो सायनाइड से कंबाइंड होकर नॉन साइनाइट से हिमोग्लोबिन बना देता है और इस तरीके से पॉइजन का असर रुक जाता है
#2 chemical antidotes:- antidotes body के poigen पर डायरेक्ट इफेक्ट ये करते हैं और इसके केमिकल नेचर को इस तरीके से बदल देते हैं कि poigen ,non poigen में बदल जाता है जैसे sodium thiosulflate जो taxi cynati को non cynati में कन्वर्ट कर देता है और इस का असर खत्म हो जाता है
#3 Mechanical antidotes :- mechanical antidotes
ब्लड में poigen के uapgaupasan के लिए रोकता है जैसेactivated charcoal जो अस्टमक से सारे पॉइजन ब्लड uapgaupasan में कर लेेता है और poigen blood में जानेेेे से रुक जा हैं
#4univerceal antidotes :-. इस तरह के antidote तब इस्तेमाल किए जाते हैं जब poigen के बारे में सही जानकारी ना हो ऐसे में कई charcoal मिला कर दिए जाने वाले मित्र को यूनिवर्सल antidote कहा जाता है
Activities चारकोल बहुत से poigen से प्रिवेशन के लिए use किया जाता है इसीलिए मैकेनिकल के अलावा univerceal antidotes कहा जाता है
तो antidote क्या होता है यह किस तरीके से प्वाइजन के साइट डिटेस्ट को दूर करते हैं
vaccine ko किसने डिवेलप किया पूरी जानकारी और कैसे काम करता है
यह जानने के बाद vaccine के बारे में जानते हैं
सबसे पहले 1976 में education kemer ने सबसे एक्सेसेगे फुल vaccine डिवेलप किया था
vaccine कोसमझने के लिए इम्यून सिस्टम को समझना होगा ही में रोग प्रतिरोधक तंत्र हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करता है जब भी कोई हार्मफुल बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर में एंटर करता है तो हमारा न्यूनतम इन्हें खत्म करने के लिए एंटी तो ढोडी बनाता है और बीमारियों को शरीर से दूर करता है लेकिन कई बीमारियां ऐसी होती है जिन्हें दूर करने की क्षमता या पेपर सीटी हमारे इम्यून सिस्टम में नहीं होती है ऐसे में शरीर कुछ बीमारी बीमारियों से बचने के लिए मिल्टन को स्ट्रांग बनाने के लिए वैक्सीन यानी टीका लगाया जाता है y33 सितम इतना सा होता है कि बैक्टीरिया वायरस और वीवो और पानी से शरीर से दूर कर देता है और शरीर का बीमारियों से बचाव हो जाता है जब व्यक्ति बीमारियों के संपर्क में आता है तो उसका पहचान लेता है और तुरंत और बीमारी से लड़ कर उसे खत्म कर देता है हर उम्र के लोगों को अलग-अलग की जरूरत होती है बहुत खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए लगाया जाता है बीमारियों से भी होते हैं जीने के लिए लगवाने के लिए जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन अचानक लगना\
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