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और आप को बहुत ही मजा आएगा इन Short कहानी को पढ़ कर अगर आप को यहा छोटे – छोटे बच्चों है तो और भी मजा आएगा
यह सब तो बच्चों ही ज्यादा पढते है
17 Best Short Moral Stories in Hindi for Class 1
1. बंदर और टोपीवाला कहानी– Short Moral Stories in Hindi for Class 1
एक बार की बात है, एक गांव में एक मेहनती टोपी वाला रहता था। जो टोपी का व्यापार करता था। एक दिन दोपहर को वह गांव में अपनी टोपी बेचने जा रहा था।
वह एक जंगल से गुजर रहा था, वह अपनी सर पर टोपी की ढोकरी लिया हुआ था। दोपहर को बहुत ज्यादा धूप होने के कारण वह थक गया। वह विश्राम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया।
उसने अपनी टोपी से भरी ढोकरी जमीन पर रख दी और वहां पेट के नीचे लेट कर आराम करने लगा। थोड़ी ही देर में व्यापारी को नींद आ गया। उस पेड़ पर कुछ शरारती बंदर बैठे थे।
व्यापारी को सोया हुआ देखकर उन्होंने सारी टोपिया चुरा कर पेड़ में चढ़ गई। टोपियां चुराकर बंदरों ने सोच में पड़ गई। तभी उन्होंने देखा व्यापारी ने टोपी अपने सर पर पहनी हुई थी।
व्यापारी को नकल करते हुए उन्होंने भी टोपी पहन ली। जब व्यापारी की नींद खुली तब उन्होंने देखा ढोकरी में से साड़ी टोपिया गायब है। फिर वह टोपी ढूंढ रहा था।
तब अचानक उसने पेड़ में बंदरों टोपी पहनते हुए देखा, व्यापारी को बहुत गुस्सा आया। उसने पत्थर उठाकर बंदरों को मारना शुरू कर दिया। उसकी नकल करते हुए बंदरों ने भी पेड़ से फल तोड़कर उसे मारने लगा।
व्यापारी अभी समझ गया था कि बंदरों ने उसकी नकल कर रहा है। फिर उसके मन में एक विचार आई। उसने तुरंत अपने सर से टोपी निकाली और जमीन पर फेंक दी।
फिर बंदरों ने भी उसकी नकल करते हुए अपनी टोपी निकल कर जमीन में फेंक दी। व्यापारी ने साड़ी टोपिया इकट्ठे करके टोकरी में डाल दी और हंसते हंसते वह अपने गांव की ओर चला गया।
नैतिक शिक्षा : बुद्धि काम करती है जहां ताकत विफल होती है।
2. प्यासा कौआ की कहानी – Hindi story for class 1
एक बार, एक जंगल में एक कौआ रहता था। तब गर्मी का मौसम चल रहा था। एक दिन कौआ को बहुत ज्यादा प्यास लगा था वह पानी की तलाश में यहां वहां भागता रहा, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।
लेकिन कौआ हिम्मत नहीं हारी। वह जंगल के ऊपर से जा रहा था पानी की तलाश में। जाते जाते उसने एक मटकी दिखा, जो एक पेड़ के नीचे पड़ा था।
वह उड़कर मटकी के ऊपर बैठा और झांक कर देखा की बहुत ही कम पानी था मटकी में। पानी इतना नीचे था कि उसके लिए अपनी चोंच की मदद से पीना संभव नहीं था।
कौआ निराश हो गई लेकिन वह हार नहीं मानी। क्योंकि, कौआ बहुत ज्यादा प्यासा था। उसने मटकी नहीं छोड़ी फिर उसकी नजर अचानक कुछ कंकड़ के ढेर पर पड़ी जो पेट के नीचे पड़ी थी।
उसके दिमाग में एक अद्भुत विचार आयाv कि कंकड़ को मटकी में गिराकर पानी के स्तर को ऊंचा किया जा सकता है। फिर उसने मटकी में एक एक करके कंकड़ डालना शुरू किया।
और अंत में पानी का स्तर कंकड़ डालने के कारण ऊंचा हो गया। फिर कौआ अपनी चोंच की मदद से कुछ ज्यादा ही पानी पिया और खुश होकर वहां से उड़ गया।
नैतिक शिक्षा : मुश्किल समय में मेहनत और समझदारी से काम लेना चाहिए।
3. बुरी संगत कहानी – Hindi short stories for class 1
एक बार की बात है, एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। उसके चार बेटे थे, बे बुरी संगत में पड़ गई थी चारों लड़के ने जुआरियों से मिल गई थी।
एक दिन पिता ने उन्हें सलाह दी, उन्हें जुआरियों से मिलने के लिए मना की। लेकिन, सलाह का उन पर कोई असर नहीं पड़ी।
एक दिन, शाम को बूढ़े आदमी ने बाजार से एक टोकरी आम खरीद के घर ले आया। फिर उन्होंने चार सड़ा हुआ आम टोकरी में उन आमों के बीच रख दिया।
अगले दिन सुबह उन्होंने आम खाने के लिए चारों बेटे को कहां। बेटों ने आम की पास जाकर देखा अधिकांश आम सड़े हुए थे।
फिर, पिता ने उन्हें इसका कारण बताया। इस बात से चारों बेटे ने सबक सीखा फिर उन्होंने बुरी संगति छोड़ दी।
नैतिक शिक्षा : एक सड़ा हुआ आम अन्य सभी आमों को खराब कर सकता है।
4. पालतू कुत्ता और बाघ कहानी – Hindi story for class 1 with moral
कुछ साल पहले की बात है, एक बार शाम को एक पालतू कुत्ता गांव के पास जंगल किनारे रास्ते में टहल रहा था। तभी उनके साथ एक बाघ का मुलाकात हुआ।
दो दिन से खाना ना खाने की वजह से बाघ बहुत कमजोर था। उसे चलने में तकलीफ हो रहा था। पालतू कुत्ता की तंदुरुस्त शरीर को देखकर बाघ उससे पूछा,
“तुम तो बहुत तंदुरुस्त हो। तुम्हें खाना कहां से मिलता है? तुमको देख कर ऐसा लगता है तुम्हें खाना ढूंढने के लिए कष्ट नहीं होता, मुझे देखो मैं दो दिन से कुछ भी नहीं खाया बूढ़ा हो गया हूं।
पहले की तरह रोज रोज शिकार नहीं कर सकता, इसीलिए रोज खाना भी नहीं मिलता।” बाघ की हालत देखकर कुत्ता की मन में दया आया।
उसने कहा, “हां, मुझे खाना नहीं ढूंढना पड़ता है। मेरे मालिक मुझे रोज दो वक्त का खाना देता है और वह भी बहुत स्वादिष्ट। मैं जो काम करता हूं,
अगर तुम भी मेरे साथ काम करोगी तो तुम्हें भी रोज दो वक्त का स्वादिष्ट खाना मिलेगा। फिर तुमको रोज रोज शिकार नहीं करना पड़ेगा। बाघ कुत्ता की बात सुनकर उसके साथ काम करने के लिए राजी हो गए।
फिर बाघ कुत्ता के साथ उसके मालिक के घर जा रहा था। थोड़ी दूर जाने के बाद बाघ आश्चर्य होकर कुत्ता से पूछा, “भाई, तुम्हारे गले में यह क्या है?”
कुत्ता जवाब दिया, “कुछ नहीं, यह तो एक पट्टा है अरे दिन में तो मैं जंजीरों में बांधे रहता हूं।” कुत्ता की बात सुनकर बाघ हैरान हो गया।
उसने कहा, “मुझे ऐसा सुख नहीं चाहिए। मैं भोजन के लिए अपनी आजादी का सौदा नहीं कर सकता। मैं किसी का गुलाम होने से अच्छा भूखा रहूंगा।” यह कहकर बाघ जंगल में लौट गए।
नैतिक शिक्षा : जंजीरों की तुलना में बेहतर भूख हो।
5. पिंजरे में कैद बाघ कहानी – Moral Stories in Hindi for Class 1
एक छोटी सी गांव के पास एक बहुत बड़ा जंगल था। उस जंगल में रहता था एक शक्तिशाली शेर। शेर रोज गांव मैं बकरी, गायों को पकड़कर अपना खुराक बनाता था।
वह कभी कभी गांव में लोगों के ऊपर भी आक्रमण करता था। एक दिन, गांव वालों ने बाघ को पकड़कर एक पिंजरे में बंद करके रखा। दो दिन से बाघ को पीने के लिए पानी भी नहीं दिया था।
बाघ रास्ते से जाते हुए सभी को निवेदन करता था। उसे पिंजरे से बाहर निकालने के लिए। लेकिन, बाघ को किसी ने भी पिंजरे से से बाहर नहीं निकाला।
एक दिन एक दयालु पादरी उसी रास्ते से जा रहा था। बाघ पादरी से निवेदन किया, उसे पिंजरे में से बाहर निकालने की। पादरी बाघ को पिंजरे से बाहर निकालने के लिए मान गई।
बाघ पादरी से वादा किया उसे ना मरने की। जैसे ही पादरी बाघ को मुक्त किया, बाघ पिंजरे से बाहर आकर पादरी को मारकर आना चाहता था। पादरी अपनी वादा को याद करते हुए बाघ से अपनी जान भीख मांगा।
लेकिन बाघ पादरी की प्रार्थना नहीं सुनना चाहता था. उसने कहा, “मैं कुछ दिन से भूखा हूं और आप मेरे शिकार हो, मैं कैसे आपको खाए बिना छोड़ दूं।” फिर वहां एक लोमड़ी आया।
लोमड़ी ने बाघ और पादरी की सारी बात सुनकर कहां, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है, इतना बड़ा बाघ इस छोटी सी पिंजरे में कैसे रह सकता है।” बाघ कहा, “मुझे देखो मैं कैसे पिंजरे में बंद था।”
यह कहकर बाघ लोमड़ी को दिखाने के लिए, पिंजरे में घुसा और तुरंत चालाक लोमड़ी बाहर से पिंजरे का दरवाजा बंद कर दिया। पादरी लोमड़ी को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया और दोनों वहां से चला गया।
नैतिक शिक्षा : हमें अपनी किए हुए वादा को कभी नहीं भूलना चाहिए।
6. लोमड़ी और बकरा कहानी – Hindi story for class 1 with pictures
एक बार, एक जंगल में एक बाघ लोमड़ी का पीछा किया था। लोमड़ी अपनी जान बचाने के लिए उतनी ही जोर से भागा। लेकिन, अचानक वह एक कुएं में गिर गया, जो झाड़ियों से ढका हुआ था।
जिसने उसकी दृष्टि को बाधित किया। वह कुएं से बाहर नहीं आ सका, लोमड़ी दुखी होकर मौत का इंतजार कर रहा था। फिर लोमड़ी ने एक बकरी को कुएं की पास से जाते हुए सुना।
वह बकरी को बुलाने के लिए कुएं की अंदर से जोर से चिल्लाया। बकरा कुएं के पास आया और लोमड़ी से पूछा, “दोस्त तुम वहां कुएं में क्या कर रही हो?”
लोमड़ी ने कहा, “दोस्त क्या आपने नहीं सुना है देश में जल्दी ही सूखा आने वाला है। कहीं पर भी पानी नहीं होगा। इसीलिए, मैं इस पानी का आनंद लेने के लिए यहां आया हूं।
पानी बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट है। तुम क्यों नहीं आ रहे हो दोस्त? बस तुम भी कुएं में कूद जाओ दोनों मिलकर पानी का आनंद लेते हैं।” मूर्ख बकरी ने लोमड़ी पर विश्वास किया।
उसके साथ जुड़ने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही उसने छलांग लगाई चतुर लोमड़ी अपना एक पैर उसकी पीठ पर रखकर कुएं से बाहर निकली। अब मूर्ख बकरा कुएं के अंदर थी।
उसने रोते हुए कहा, “दोस्त तुम मुझे यहां अकेला छोड़कर क्यों जा रहे हो?” लोमड़ी ने कहा, “मित्र, आपको कुएं में छलांग लगाने से पहले यह सोचना चाहिए था,
कि आपके लिए इससे बाहर आना संभव है, आपने ऐसा नहीं किया। इसीलिए, आप कुएं में फस गए हो।” फिर लोमड़ी ने वह जगह छोड़ दी और बकरी कुएं में रहकर अपनी मौत का इंतजार कर रहा था।
नैतिक शिक्षा : कोई भी काम करने से पहले हमें सोच लेना चाहिए नहीं तो हम बुरे फंस सकते हैं।
7. खजाने की खोज कहानी – Moral Stories in Hindi for Class 1 with pictures
एक बार की बात है, एक गांव में विजय नाम की एक बूढ़ा किसान अपनी तीनों बेटे के साथ रहता था। पिता ने अपनी तीनों बेटे को बहुत बार अपने साथ खेत में काम करने के लिए कहा।
लेकिन, वह तीनों बहुत आलसी थे। वह अपनी पिता की तरह धूप और बारिश में काम नहीं करना चाहते थे। एक दिन, किसान बीमार पड़ गया, वह मरने वाले थे।
उसने अपनी तीनों बेटे को बुलाकर कहा, “बेटे, मरने से पहले तुम तीनों को कुछ रहस्य बताना चाहता हूं। हमारी खेत में जमीन के नीचे कुछ छुपे हुए खजाना है।
यदि तुम तीनों जमीन को ठीक से खोजते हो तो तुम्हें वह खजाना मिलेगी। यह कहकर बूढ़ा किसान मर गई। लड़कों ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
फिर, एक दिन तीनो भाई खेत में गया छुपे हुए खजाने को खोजने के लिए। वह तीनों जमीन को अच्छे से खुदाई किया। लेकिन उन्हें वह खजाना नहीं मिली, वह तीनों निराश हो गई थी।
फिर बड़े भाई अन्य तीनों भाइयों को जमीन में बीज बोने के लिए कहा। क्योंकि तीनों भाई ने जमीन को अच्छी तरह से खुदाई किए थे, फिर उन्होंने ऐसा किया।
फिर कुछ महीने बाद उन्हें अपने खेत में अच्छी फसल मिली। उन्होंने फसल काट ली और उन्हें बेचकर बहुत पैसा कमाया। अब बड़े भाई अपने दो भाइयों को कहा,
मैं समझ गया हूं, हमारी पिता को छुपे हुए खजाने से क्या मतलब था। छुपे हुए खजाने यह फसल है। जो हमें मिली केवल जमीन को अच्छी तरह से खोदकर और वहां बीज बोने के हमें यह खजाना मिली।
नैतिक शिक्षा : मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
8. लालची कुत्ता और मांस कहानी – Moral Story in Hindi for class 1
एक बार की बात है, गांव में एक मांस की दुकान के पास एक कुत्ता इंतजार कर रहा था, एक टुकड़ा मास के लिए। जल्द ही कुत्ता को एक अवसर मिला।
दुकानदार के पास एक समय में उनके दुकान पर अच्छी संख्या ग्राहक थी। दुकानदार उनके साथ बातचीत करने में व्यस्त हो गया।
इस बीच, कुत्ता दुकान से एक मांस की टुकड़ा अपनी मुंह में लेकर जितनी जल्दी हो सके वहां से भाग गया। भागते भागते वह एक नदी मैं पुल के पास आया कुत्ता नदी को पार करने के लिए उस पुल पर चढ़ गया।
जैसे ही कुत्ता पुल के बीच आया, उसने देखा कि उसकी खुद की छाया जो नदी के बिस्तर पड़ी है। उसे लगा एक कुत्ता मुंह में मांस लेकर वहां नदी में खड़ा है। कुत्ता नदी में और एक मांस की टुकड़ा देखकर बहुत लालची हो गया।
वह उसे भी खाना चाहता था, इसीलिए वह मांस को पकड़ने के लिए नदी में कूद गया। नदी में बहुत तेज प्रबाह उसे दूर ले जा रहा था। वह बचने के लिए मुंह से मांस की टुकड़ा को छोड़ दिया। इस कुत्ता को अपनी लालच का परिणाम प्राप्त हुआ।
नैतिक शिक्षा : लालच बुरी बला है लालच नहीं करनी चाहिए, दूसरों की चीजें छीनने का फल बुरा ही होता है।
9. बंदर और दो बिल्लियाँ कहानी– Short Moral story in Hindi for class 1
एक बार की बात है, एक गांव में दो बिल्लियाँ रहता था। एक दिन एक घर से वह दोनों मिलकर एक केक चुराया था। लेकिन, वह दोनों इसे साझा नहीं करना चाहता था।
दोनो बिल्लियोंने ढाबा किया, कि यह उसकी कमाई है। वह एक दूसरे को हिस्सा देना नहीं चाहता था। इस केक को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुई। जब उन दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था,
तब एक बंदर घटनास्थल पर आया, बंदर ने विवाद सुलझाने के लिए खुद को पेश किया। उन्होंने पूरी कहानी सुनकर कहा, जैसे तुम दोनों अच्छी दोस्त हो तो तुम्हें केक को बराबर बांटना चाहिए।
और उन्होंने खुद को उनके लिए केक को दो बराबर भागों में विभाजित करने के लिए पेश की। किसी तरह बिल्लियों ने उसकी सुझाव पर सहमत हुई। फिर बंदर ने केक को लिया और दो भागों में बांट दिया।
उन्होंने प्रत्येक भाग को अलग अलग किया देखा कि एक हिस्सा दूसरे हिस्सा से भारी है। उन्होंने दोनों हिस्सा को बराबर करने के लिए भारी टुकड़े से थोड़ा खा लिया और दोनों हिस्सा को फिर से देखा।
अब बंदर को दूसरा भाग भारी लगने लगा। फिर उन्होंने भारी टुकड़ा से थोड़ा खा लिया और दोनों हिस्सा अपने हाथ पर रखा। लेकिन, दोनों टुकड़े में से कोई भी पूरी तरह से बराबर दिखाई नहीं दिया।
अब केक को इसी तरह से चालाक बंदर ने खा लिया। बिल्लियों ने बंदर से केक वापस मंगा। लेकिन बंदर ने कहा वह केक को वापस नहीं ले सकते है।
क्योंकि, वह उन्हें उनकी सेवा के लिए परिश्रमिक के रूप में दावा करता है। यह कहते हुए बंदर ने बच्चे हुए टुकड़े को अपनी मुंह में लेकर पेड़ के ऊपर चढ़ गया। बिल्लियों ने पेड़ के नीचे से बंदर को देखता ही रह गया।
नैतिक शिक्षा : दूसरों से सहायता मांगने से पहले अपनी समस्याओं का समाधान खुद करना चाहिए।
10. एक कृतघ्न बाघ कहानी – Top 10 Moral Stories in Hindi for Class 1
एक बार, एक जंगल में एक बाघ रहता था। एक दिन वह किसी जानवर का शिकार करके खा रहा था। एक हड्डी उसके दांतों में फस गया।
हड्डी दातों में फंसने के कारण बाघ कुछ भी खाने का समर्थन नहीं रहा। उसकी दातों में और गले में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा था। वह दर्द में पूरा दिन रोता रहा।
जंगल की सभी जानवर उससे डरते थे। किसी ने भी उसके पास जाने का हिम्मत नहीं की। एक बहादुर सरस रोते हुए बाघ को देखा उसे बाघ पर दया आई।
सरस उसके पास गया और पूछा, “आपके साथ क्या गलत हो गया दोस्त?” “एक हड्डी मेरी दांतों में फस गई है,” बाघ ने कहा। सरस ने कहा, “यदि आप आज्ञा दे तो मैं इसे आपकी दांतो से बाहर निकल सकता हूं।”
बाघ ने कहा, यदि तुम ऐसा करते हो तो मैं तुम्हारा आभारी रहूंगा। सरस ने कहा मुझसे वादा करो के तुम मुझे नहीं खाओगे। बाघ सरस से वादा किया हड्डी निकालने के बाद वह उसे नहीं खाएगा।
सरस बहुत दयालु था परंतु चतुर भी था। जैसे ही वह अपनी मुंह खोला सरस एक छोटा स्टिक उसके मुंह में रख दी। फिर उसने हड्डी को बाहर खींच लिया अपने लंबी चोच की मदद से.
हड्डी निकाल देने से बाघ की मुंह में दर्द बिल्कुल चला गया था। भूखा बाघ अब सरस को पकड़कर खाना चाहता था। लेकिन उसके मुंह में स्टिक होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाया।
सरस दूर उड़ गया यह कहते हुए तुम एक कृतघ्न बाघ हो। मैं तुम्हारा मदद किया और तुम मुझे ही खाना चाहते हो।
नैतिक शिक्षा : कभी-कभी अकल से काम लेने से बड़ी से बड़ी मुश्किल को हराया जा सकता है।
11. दया क्या है कहानी – Best Hindi short story for class 1
एक बार, एक युवा शिष्य अपने गुरु से पूछा, “गुरुजी, मुझे बताइए दया क्या है?” गुरु उसे खिड़की के पास ले गए। और सड़क के कोने पर बैठे भिखारी को देखने के लिए कहा।
कुछ समय तक भिखारी की ओर देखते हुए उन्होंने देखा, एक बूढ़ी औरत वहां से गुजर रही थी। उसने भिखारी को एक सिक्का दिया।
जैसे एक व्यापारी ने भिखारी के पास आया, तो उसने पांच सिक्के दिए। फिर उसने देखा, उस भिखारी के पास से गुजरने वाले एक छोटे लड़के ने उसे एक फूल दिया।
अब गुरु ने शिष्य से सवाल किया, “इन तीनों में से कौन आपको लगता है, भिखारी के लिए सबसे अधिक दया है।” युवा शिष्यों ने उत्तर दिया, “व्यापारी सबसे दयालु है।”
गुरु ने मुस्कुराते हुए समझाया, “तुमने देखा, कि उस बूढ़ी औरत बहुत गरीब था। इसीलिए, उसने उसे एक सिक्का दिया। बुढ़िया ने उस भिखारी की ओर दया से काम लिया।
उसके बाद हमने देखा, कि एक व्यापारी भिखारी को पांच सिक्के दिए और जल्दी से निकल गया। क्योंकि, वह लोगों को अपनी दौलत और बड़ा दिल दिखाना चाहता था।
बाद में हमने एक छोटे लड़के को देखा। जिसने, अपनी मां के लिए हाथों में कुछ फूल इकट्ठे किए थे। और जब वह उस भिखारी के पास से गुजरा। तो वह भिखारी को देख कर मुस्कुराया।
और उसे एक फूल दिए। वह छोटा लड़का जिसने दया से काम लिया था। जब प्यार किसी के दर्द को छूता है, तो वह दया बन जाता है।
इसलिए, दया को समझने के लिए हमें यह समझना चाहिए। की सभी प्राणी समान है। और जो समान रूप से पीड़ित है, हमें उन सभी का सम्मान करना चाहिए।
नैतिक शिक्षा : हमें हमेशा, बेसहारे लोगों की मदद करना चाहिए।
12. पिता और पुत्री की कहानी– Moral story in Hindi for class 1 Short
एक बार की बात है, एक युवती अपने पिता के साथ बैठे गाड़ी चला रही थी। बस कुछ ही मील के बाद, बह दोनों एक तूफान में आ गए। फिर लड़की ने पिता से पूछा, “मुझे क्या करना चाहिए?”
पिता ने जवाब दिया, “गाड़ी चलाते रहो।” कुछ मील के बाद ही उसने देखा, कि तूफान के कारण अन्य गाड़ी एक तरफ खींचने लगी। इसके कारण लेकिन थोड़ा डर गई।
फिर पिता से पूछा, “क्या मुझे भी खींचना चाहिए?” पिता ने जवाब दिया, “नहीं, तुम बस गाड़ी चलाते रहो।” तूफान और अधिक भयानक लग रहा था।
उसके लिए गाड़ी आगे ले जाना मुश्किल हो गया। उसे लगा गाड़ी अभी रोकनी चाहिए और किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए।
लेकिन, उसने तूफान के माध्यम से गाड़ी चलाना जारी रखा। क्योंकि उसके पिता ने उसे कहा, कि वह गाड़ी चलाते रहे। वह तूफान के माध्यम से गाड़ी चलाता रहा।
जल्द ही उसने, पहले की तुलना में थोड़ा अधिक बेहतर देखने में सक्षम रहा। कुछ मील के बाद, वह एकदम तूफान से बाहर आ गया। पिता ने कहा, “अब तुम बाहर निकल सकते हो।”
लड़की ने कहा, “लेकिन, अब क्यों? अभी तो हम तूफान से बाहर हैं।” पिता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘जब आप बाहर निकलते हैं, तो आप उन सभी लोगों को देख सकते हैं।
जिन्होंने हार मान ली है और कुछ तूफान के साथ अभी संघर्ष कर रहे हैं। आपने कभी हार नहीं मानी और हमेशा आगे बढ़ते रहे। क्योंकि, आपने कभी तूफान को नहीं छोड़ा।”
नैतिक शिक्षा : जीवन में कठिन समय के माध्यम से मानसिक तनाव को समाप्त करना सफलता की कुंजी है।
13. सुंदर फुल की कहानी – Story in Hindi for class 1 with moral
एक बार की बात है, एक लड़की था जिसे बागबानी का बहुत शौक था। वह फूलों से प्यार करती थी और अपने घर के बाहर एक सुंदर बगीचा बना रखी थी।
एक दिन, नए फूलों की तलाश में, उसे एक बहुत सुंदर फूल मिला। उसने इसे अपने बगीचे में लगाना चाहती थी। इसीलिए, लड़की ने उसकी बीज लेकर घर आया।
जब यह आया, तो वह अपने घर के पीछे, वहां उसने दीवार के आधार पर लगाया। फिर कुछ दिन बाद, पूरी दीवार पर सुंदर पत्तियों के साथ पौधे बड़े हो गए। लेकिन, एक भी फूल नहीं थे।
बस उस खूबसूरत फूल को देखने के लिए। बह रोज उसमें पानी डालता गया और उसकी बहुत देखभाल की। फिर भी, दीवार पर उन पत्तियों के बीच एक भी फूल नहीं था।
एक महीने बीत गए, लेकिन अभी भी फूल नहीं खिले। फिर, उसने निराश होकर उस पौधे को काटने के बारे में सोचा। तभी उनके पड़ोसी ने उसके दीवार के पीछे से बुलाया।
वह हैरान थी। क्योंकि, उसने कभी एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं की थी। उसके पड़ोसी ने कहा, “धन्यवाद! इतने खूबसूरत फूल लगाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
आप सोच नहीं सकते, मुझे उन फूलों को देखकर कितना खुशी महसूस होता है। वास्तव में यह फूल बहुत ही सुंदर है।” उसकी बात सुनकर लड़की पड़ोसी के घर के पीछे चली गई।
और अपने दीवार को पड़ोसी की ओर से देखा। उसने देखा, दीवार फूलों से भरी थी। वे सबसे सुंदर फूल थे, जिन्हें उसने कभी नहीं देखा था।
उसने देखा की लताएं दीवार से गुजरती है। और उसकी दीवार की तरफ पौधे में कोई भी फूल नहीं था। लेकिन, दीवार की दूसरी तरफ फूलों से भरी हुई थी।
नैतिक शिक्षा : आप अपने श्रम के अच्छा परिणाम नहीं देख सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई फल नहीं है।
14. सौतेली मां और बेटा की कहानी – Top Moral Stories in Hindi for class 1
एक बार, एक गांव में एक युवा लड़का अपने सौतेले परिवार के साथ रहता था। उस गांव में पानी की कमी थीv इसलिए, लोगों को पानी लाने के लिए गांव के अंत में पानी की धारा के पास जाना पड़ता था।
युवा लड़का अपने परिवार के लिए, पानी लेने के लिए रोज सुबह जल्दी उठता था। अफसोस की बात, यह कठिन काम था। क्योंकि, रास्ता बहुत लंबा था और उसे अकेला ही चलना पड़ता था।
एक बार, लड़का पानी के बर्तन के साथ धारा से घर वापस आ रहा था। वापस आते समय उसने देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति, एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा है।
लड़के को पानी के बर्तन के साथ देखकर, बूढ़े व्यक्ति ने उसकी प्यास बुझाने के लिए पानी मांगी। लड़के ने उसे पानी पिलाया। बाद में, रास्ते में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई।
जिसने उससे पानी मांगा। लड़के ने उसे पानी पिलाया और फिर घर चला गया। उस लड़के का पानी का बर्तन आधा खाली हो गया था।
घर में, उसकी सौतेली मां ने आधा बर्तन पानी ले आने के लिए उस पर गुस्सा किया। क्योंकि, आधा बर्तन पानी परिवार के लिए पर्याप्त नहीं था। यह लगभग हर रोज होता है।
रास्ते में, हर रोज लोग उससे पानी मांगता रहा। और उसने यह जाने के बावजूद, कि उसकी सौतेली मां उससे नाराज हो जाएगी। उसने लोगों को पानी पिलाया गया।
एक दिन, वह अपनी सौतेली मां से यातना सहन नहीं कर पा रहा था। उसने कसम खा लिया था, कि घर लौटते वक्त रास्ते में किसी को भी पानी नहीं देगा।
उस दिन फिर से, जब वह धारा से घर वापस आ रहा था। उसने एक आदमी को देखा, जो घायल लग रहा था। और उस आदमी ने, लड़के को बर्तन में से कुछ पानी देने के लिए कहा।
उसने रास्ते में किसी को भी पानी नहीं देने की कसम खाई थी। लेकिन, आखिरकार वह उस आदमी को प्यासा नहीं छोड़ सका। उसने, बर्तन में से थोड़ा पानी दिया और उसकी मदद की।
जब वह घर आया। तो इस बार उसकी सौतेली मां ने आधा बर्तन पानी देख कर उस पर बहुत ज्यादा गुस्सा किया और उसे पीटा।
अगले दिन, किसी ने दरवाजा खटखटाया। लड़के ने दरवाजा खोला और उस आदमी को लिफाफा के साथ बाहर खड़ा देखा। वह वही आदमी था, जिसे पिछले दिन पानी दिया था।
वह वितरक पुरुषों था, जो गांव में पत्र भेजने के लिए आया था। लेकिन, रास्ते में घायल हो गया। आदमी ने उसे अपनी जिंदगी बचाने के लिए, कुछ पैसा के साथ धन्यवाद भी दिया।
अगर लड़के ने वहां उसकी मदद नहीं की होती। तो उस वितरक पुरुषों की मृत्यु हो सकती थी। और कॉलेज से भेजा गया पत्र गांव में कभी नहीं पहुंचता था।
नैतिक शिक्षा : आपके दैनिक छोटे छोटे अच्छे कर्म,कभी व्यर्थ नहीं जाते।
15. झूला
अम्मा आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा। इस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर,
आसमान को मैं छू लूँगा।
झूला झूल रही है डाली, झूल रहा है पत्ता – पत्ता । इस झूले पर बड़ा मज़ा है,
चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता।
उड़ चल, उड़ चल,
उड़ चल, उड़ चल।
झूल रही नीचे की धरती, बरस रहा है रिमझिम, रिमझिम, उड़कर मैं लूहूँ दल-बादल।