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Hi friends
          Good Morning  everyone
This is anant’anant kumar
  I belong to Patna district
I am a student of class 12th
Your most welcome in Harshji. Com

दोस्तों जैसा कि आप ऊपर एक तस्वीर देख रहे हैं। उस तस्वीर में मैं नहीं हूं। यह तस्वीर है एक वैसे शिक्षक की जो बहुत ही मेहनती कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार हैं।

इनका नाम है अमित सोनी। यह एक अंग्रेजी के प्रसिद्ध शिक्षक हैं। जो वर्तमान समय में दानापुर में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।
              चलिए दोस्तों आप जानते हैं हम उनके कारनामों के बारे में
ऐसा कि आप लोग सभी जानते हैं कि इस समय में सभी लोग कम ही उम्र में सफल हो जाना चाहते हैं। उसी सफलता के मिसाल हैं अमित सोनी सर। इन्होंने अपने कम ही उम्र में अपनी मेहनत के बल पर वह स्थान प्राप्त किया जो बहुतों के लिए सपना होता है। मैं जिस स्कूल में पढ़ते थे उसी स्कूल के principal बन गए। Principal बनने के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी। उन्होंने अपनी एक नई कोचिंग संस्थान शुरू की। शुरुआत में तो कोचिंग अच्छा नहीं चल रहा था। कई दिक्कतें आई।लेकिन वे हार नहीं माने लगातार प्रयास करते रहे। मेहनत रंग लाई और कोचिंग चल पड़ी। अब उनके कोचिंग में हजारों बच्चे पढ़ने लगे। हीराराम उन्होंने एक इंग्लिश ग्रामर की बुक भी लिखी जिसका नाम है {scholar choice} जोकि आलोक प्रकाशन द्वारा पब्लिश्ड की गई। मार्केट में आने के बाद लोगों ने बहुत  पसंद किया।
बात करते हैं इनके कोचिंग  संस्थान की 

कोचिंग का नाम है एस इंग्लिश क्लब
उन्होंने अपने कोचिंग का नाम एस इंग्लिश क्लब इसलिए रखा क्योंकि वे चाहते थे कि यहां बच्चे स्टूडेंट की तरह नहीं आये बल्कि एक मेंबर की तरह आये और अध्ययन करें।
उनका मानना है कि बच्चे शिक्षा को ग्रहण कर लेंगे लेकिन वह शिक्षा ही क्या जो संस्कार ना सिखाएं। शिक्षा संस्कार के बिना अर्थहीन हो जाता है। इस समाज में एक संस्कारी व्यक्ति शिक्षित व्यक्ति से ज्यादा सम्मान पाता है। लेकिन हमारे सर का combination देखिए। उन्होंने सोचा अगर एक संस्कारी व्यक्ति समाज में ज्यादा सम्मान पाता है तो संस्कारी और शिक्षित व्यक्ति और भी ज्यादा समाज में सम्मान पाएगा। इसी कारण से अपने शिक्षा का उद्देश्य बना लिया शिक्षा के साथ संस्कार भी बच्चों को मिलना चाहिए। जिससे कि माता-पिता को अपने बच्चों पर गर्व महसूस हो। सर ने अपने कोचिंग मैं इस तरह का माहौल बनाया है कि वहां बिना किसी स्टाफ कर्मचारी के हजारों बच्चे पढ़ते हैं। वहां पर अब तक कोई स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। वहां पढ़ने के बाद सही बच्चे इतने संस्कारी हो जाते हैं ki सभी अपने आप मैनेज कर लेते हैं .Sir, बच्चों से खुद कहते हैं हमें कोई बाहरी कर्मचारी की कोई जरूरत नहीं है। हमारे बच्चे सब अपने आप कर लेते हैं। वे अपने बच्चों के बीच शिक्षक और विद्यार्थी का एक ऐसा संबंध स्थापित किए हैं जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। ऐसे बच्चे शुरु शुरु में तो डरते हैं लेकिन बाद में मित्र जैसा व्यवहार करने लग जाते हैं। ऐसा नहीं है।उनके कोचिंग में बच्चे आते  तो हैं कुछ समय के लिए लेकिन रह जाते हैं बहुत समय के लिए। इससे आप यह नहीं समझ गया कि वहां पढ़ाई नहीं होती । इसका मतलब यह है कि वहां एक बार पैसा दे देने के बाद जब तक आप का मन करता रहे तब तक आप पढ़ते रहिए बाद में आपसे कोई भी नहीं लिया जाएगा। यहां पर हर एक उम्र के लोग पढ़ने आते हैं।

जैसा कि आप लोग जानते हैं आज का हमारे देश में कोरोनावायरस के कारण लॉक
 डाउन चल रहा है। इस्लाम डॉन में अधिकांश लोग अपने घरों में आराम कर रहे हैं लेकिन हमारे अमित सोनी सर प्रत्येक दिन ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं ताकि बच्चों को कुछ कुछ सिखाते रहे। बच्चे घर में बैठ कर बोर ना हो जाए।इसी बात से याद आया उन्होंने लॉक डाउन पर एक वीडियो भी बनाया। आप लोग वीडियो देखना चाहेंगे ।चलिए आपको वीडियो चलिए आपको वीडियो दिखलाते हैं।

                          

अगर आप भी यहां पढ़ना चाहते हैं तो तस्वीर में दिखाया गया नंबर पर कांटेक्ट करें

अब विशेष अगली पोस्ट में Thank you
Good  bye. Have a naice day. 
Lambton mein aapke sath Aisa Ho Raha Hai To Hamen Jarur bataen